धनबाद: प्रेमी से शादी के लिए उसके घर के बाहर 4 दिन तक धरने पर बैठी युवती को आखिरकार जीत मिल ही गई। जेल जाने के भय से प्रेमी उत्तम कुमार महतो उर्फ पटेल झुक गया और प्रेमिका से शादी करने को राजी हो गया। रविवार को गंगापुर स्थित लिलौर मंदिर में समाज और परिवारजनों की उपस्थिति में दोनों विवाह के पवित्र बंधन में बंध गए। इस दौरान दोनों पक्ष के स्वजन सहित ग्रामीण मौजूद रहे। विवाह की सारी रस्म मंदिर परिसर में पुरोहित उदय तिवारी ने संपन्न कराईं।
विवाह के बाद वधू ने सम्मान के साथ अपने पति के साथ महेशपुर गांव के उसी घर में प्रवेश किया जहां प्रेमी के शादी से मुकर जाने के बाद वह पिछले 86 घंटे तक धरने पर बैठी रही थी। मामला मीडिया में आने के बाद गुरुवार को बाघमारा महिला थाना व राजगंज थाना की पुलिस रात 10 बजे युवती को थाने ले गई थी। इसके बाद उसकी लिखित शिकायत पर प्रेमी उत्तम महतो के खिलाफ यौन शोषण का मामला दर्ज किया था। अन्य चार लोगों को भी आरोपित बनाया गया। बाद में युवती का न्यायिक पदाधिकारी के समक्ष बयान भी अंकित कराया गया था।
युवती के चेहरे पर दिखी खुशी
विवाह करने के लिए युवती सजधज कर अपने स्वजनों के साथ सुबह करीब 11 बजे मंदिर पहुंची। इस दौरान युवती के चेहरे पर हंसी देखते ही बन रही थी। मंदिर में युवती ने अपने महिला साथियों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाई। करीब ढाई घंटा इंतजार करने के बाद उत्तम अपने परिवार के साथ मंदिर में आया। पूजा करने के बाद विधिवत दोनों की शादी हुई। इसके बाद युवती ने अपने पति के साथ भी कई सेल्फी ली। प्रेमी-प्रेमिका के इस विवाह के दौरान दर्जनों से अधिक लोग साक्षी बने।
उत्तम के पिता हरगोविंद महतो, मां खागिया देवी, फूफा, जीजा सहित अन्य स्वजन मौजूद थे। वहीं युवती के पिता नकुल महतो, मां दुलाली देवी, हर पल साथ रहीं दादी मंगनी देवी सहित दर्जनों स्वजन मौजूद थे। इसके साथ ही आजसू पार्टी के केंद्रीय सदस्य जीतेंद्र नाथ महतो, जिला प्रवक्ता महेंद्र महतो, महादेव महतो, प्रेम महतो आदि भी मौजूद रहे।
कानून के भय से चौखट पर बैठी युवती से की शादी
चार साल प्रेमी द्वारा यौन शोषण करने के बाद शादी से इन्कार कर देने से दुखी युवती ने प्रेमी और परिवारजनों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया था। युवती ने कोर्ट में भी न्यायिक पदाधिकारी के समक्ष प्राथमिकी का समर्थन किया था। इधर उत्तम के स्वजन कानूनी प्रक्रिया की पूरी गतिविधि देख रहे थे एवं पल-पल की जानकारी ले रहे थे। कानूनी शिकंजा कसने का भय युवक के स्वजनों को सताने लगा। इसके बाद ही उन्होंने देर रात मामले को शांत करने के लिए पहल शुरू कर दी और सरेंडर कर दिया था।
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