हजारीबाग : छह जनवरी से अपनी मांगों को लेकर झारखंड राज्य विधिज्ञ परिषद के निर्देश पर बार एसोसिएशन हजारीबाग के लगभग 800 अधिवक्ता न्यायिक कार्य से अलग हैं. राज्य सरकार और विधिज्ञ परिषद् के साथ अब तक कोई भी संवाद नहीं हुआ है, परिणाम स्वरूप हड़ताल अभी जारी रहेगा. यह बात बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार राजू ने बार संघ कार्यालय में मंगलवार को आयोजित पत्रकार सम्मेलन में कही. उन्होंने कहा कि झारखंड में बेतहाशा कोर्ट फी में बढ़ोतरी, एडवोकेट प्रोटेक्टशन एक्ट लागू नहीं करने, बजट में अधिवक्ता कल्याण के लिए निधि आवंटन नहीं करने, लोक अभियोजक एवं अपर लोक अभियोजक राज्य के बार एसोसिएशन से नहीं बनाने सहित अन्य मांगों को लेकर अधिवक्ता न्यायिक कार्य से अलग हुए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जो अधिवक्ता के साथ संवाद स्थापित किए थे, वे सभी सरकार के मुलाजिम थे. संवाद के दौरान की गई सारी घोषणाएं मौखिक थीं. अब तक किसी भी प्रकार की लिखित घोषणा विधिज्ञ परिषद को नहीं दी गई है.
बार संघ के सचिव सुमन कुमार सिंह ने कहा कि जन कल्याण के लिए अधिवक्ता हमेशा तत्पर रहते हैं. कोर्ट फी में बढ़ोतरी से आम जनता त्रस्त है, सुलभ न्याय मिलना मुमकिन नहीं है. उन्होंने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक विरोध जारी रहेगा. मौके पर भैया संजय, प्रमोद कुमार सिंह, कौलेश्वर कुशवाहा, भरत कुमार, कुणाल कुमार, प्रवीण कुमार सिंह, इंद्र कुमार पंडित, गौरी शंकर प्रसाद और शिवदत्त पांडेय उपस्थित थे. पत्रकार वार्ता के बाद बार के पदाधिकारियों ने एक ज्ञापन जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यप्रकाश सिन्हा और उपायुक्त को सौंपा.
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