बलरामपुर, अनिल गुप्ता : मंगलवार की रात को रामानुजगंज के जल संसाधन विभाग में एक चौकीदार की मृत्यु रामानुजगंज स्वास्थ्य केंद्र में हो गई. लेकिन चौकीदार की मृत्यु से बहुत सारे प्रश्न उठ रहे है. कुछ लोगों का कहना है कि जब हम लोग उसे स्वास्थ्य केंद्र ले गए थे तब तक वह जिंदा था उसकी मृत्यु स्वास्थ्य केंद्र में ही हुई है परंतु स्वास्थ्य केंद्र प्रबंधन इससे इंकार कर रहा है. वहीं प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी के अनुसार जल संसाधन विभाग रामानुजगंज के चौकीदार देव साय पिता विनोद उम्र लगभग 60 वर्ष निवासी ग्राम राधा नगर जो नगर रामानुजगंज जल संसाधन विभाग में चौकीदार के पद पर कार्यरत था. उसकी तबीयत खराब होने लगी, तो चौकीदार ने शाम के लगभग 6:00 बजे पास के दवा दुकान से दवाई खा ली. उसकी तबीयत खराब देख जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी ने दवा खाकर आराम करने की सलाह दी. जिसके बाद चौकीदार आराम करने रूम में चला गया. कुछ देर बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. जिसके पश्चात बिपिन बिहारी सिंह और उनके एक साथी ने मिलकर देव साय को स्वास्थ्य केंद्र रामानुजगंज में भर्ती कराया. बिपिन बिहारी सिंह के अनुसार जब वह हॉस्पिटल पहुंचा था तो वह जीवित अवस्था में था. परंतु जिस नर्स ने उसकी प्रारंभिक उपचार शुरू की थी उनका कहना है की मरीज अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई थी.
क्या सही समय में इलाज नहीं मिलने के कारण गई चौकीदार की जान!
इसी मामले में एक पक्ष यह भी सामने आया कि जब मृतक देव साय स्वास्थ्य केंद्र इलाज के लिए पहुंचा तो उस वक्त नर्स वहां थी और उसने इलाज चालू कर दिया था परंतु ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर वहां पर उपस्थित नहीं थे. इस संबंध में प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि डॉक्टर 10 से 12 मिनट बाद वहां पहुंचे थे परंतु अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि हमारी डॉक्टर जिसकी ड्यूटी थी वह पांच 6 मिनट में वहां पहुंच गई थी. अब सवाल यह उठता है कि अगर आपकी ड्यूटी लगी हुई है, तो आप स्वास्थ केंद्र में क्यों नहीं थे? आगे हमारे प्रतिनिधि ने जानना चाह की आखिरकार मरीजों को छोड़ डॉक्टर साहब गए कहा थे, तो पता चला डॉक्टर साहब अपने क्वाटर में थे. जब नर्स का फ़ोन आया तब उन्होंने स्वास्थ केंद्र में आना जरूरी समझा. अब अगर प्रत्यक्षदर्शियों का कहना सही है तो, अब प्रबंधन को सोचना होगा कि अगर कोई व्यक्ति अपनी जिंदगी बचाने स्वास्थ केंद्र आता है और कुछ मिनटों के खेल में उसकी जान चली जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
उसे लाने में देरी हुई, पल्स था ही नहीं: बीएमओ
इस संबंध में स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ डॉ कैलाश से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और नर्स के अनुसार जब मरीज स्वास्थ्य केंद्र में आया तो उसका पल्स और बीपी था ही नहीं. आंख की पुतलियां फैली हुई थी और वह मृत अवस्था में स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था.

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