बलरामपुर, अनिल गुप्ता। विहंगम योग आध्यात्मिक संस्थान की संकल्प यात्रा बुधवार को रामानुजगंज पहुंची। विज्ञान देव महाराज की दिव्य वाणी का लाभ लेने हजारों साधक पहुंचे। ईश्वर का महान प्रसाद है मानव जीवन। हम जीवन कहें या सत्य कहें बात एक है। जीवन को ठीक-ठीक जान लिया, इसका अर्थ है हमने परमसत्य का साक्षात कर लिया, क्योंकि जीवन का आधार परमात्मा है, जो आनन्द स्वरूप है। उक्त उद्गार स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक सुपूज्य संत प्रवर विज्ञान देव महाराज ने संकल्प यात्रा के क्रम में शहर के कम्यूनिटी सेंटर रामानुज गंज में आयोजित जय स्वर्वेद कथा एवं ध्यान साधना सत्र में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं के मध्य व्यक्त किये।
संत प्रवर ने कहा कि हमारे विचार ही हमें सुखी और दुखी बनाते हैं। विचारों से ही हम सुख और दुःख का अनुभव करते हैं। और यह प्रवाह चल रहा है, जैसे हमारा मन बहा जा रहा है। दुःखियों का दुख कैसे कम हो यही श्रेष्ठ चिंतन है। कहा कि विहंगम योगी ही उपयोगी होता है, जो सबके हित का चिंतन करता है, दुःखियों के दुख को कम करता है। महाराज जी ने कहा कि संतो का जीवन परमार्थ के लिए ही होता है। हम अपने लिए नहीं, अपनों के लिए जीते हैं। मात्र स्वयं के लिए जीवन बिता देना भारतीय संस्कृति का संदेश कभी नहीं रहा है। मानव जीवन अत्यंत अमूल्य है। उन्होंने जय स्वर्वेद कथा के क्रम में कहा कि भारत की आत्मा का नाम अध्यात्म है। आध्यात्मिक महापुरुषों के बदौलत ही भारत विश्व गुरु रहा है, विश्वगुरु है और मैं कहता हूं भारत विश्व गुरु रहेगा। संत प्रवर विज्ञान देव महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को विहंगम योग के क्रियात्मक योग साधना को सिखाया। कहा कि यह साधना खुद से खुद की दूरी मिटाने के लिए है। संत प्रवर विज्ञानदेव महाराज की दिव्यवाणी जय स्वर्वेद कथा के रूप में लगभग 2 घंटे तक प्रवाहित हुई ।
स्वर्वेद के दोहों की संगीतमय प्रस्तुति से सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे। दिव्यवाणी के पश्चात मुख्य आगंतुकों को संत प्रवर के हाथों विहंगम योग का प्रधान सद्ग्रन्थ स्वर्वेद भेंट किया गया। आयोजकों ने बताया कि विहंगम योग सन्त समाज के शताब्दी समारम्भ महोत्सव एवं 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के निमित्त संत प्रवर विज्ञान देव महाराज 17 जुलाई को संकल्प यात्रा का शुभारंभ कश्मीर की धरती से हो चुका है। संकल्प यात्रा के प्रथम चरण में कश्मीर, जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के विभिन्न शहरों के पश्चात उड़ीसा के भुबनेश्वर, ब्रह्मपुर, कालाहांडी, संबलपुर, झारसुगुड़ा, राउरकेला होते हुए रामानुजगंज में पहुँच चुकी है। 17 – 18दिसंबर 2023 को विशालतम ध्यान – साधना केंद्र (मेडिटेशन सेंटर) स्वर्वेद महामंदिर, वाराणसी के पावन परिसर में 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होना है।
उसी क्रम में यह संकल्प यात्रा हो रही है जिससे अधिक से अधिक लोगों को पूरे भारत वर्ष में लाभ मिले। इस शताब्दी समारम्भ महोत्सव में विहंगम योग के प्रणेता अनंत सदगुरू सदाफल देव महाराज की 135 फिट से भी ऊंची प्रतिमा का भी शिलान्यास होगा। उक्त जानकारी प्रदेश मीडिया प्रभारी मानेश्वर नाग ने दी।
ये भी पढ़िए…
Koderma: विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर तीरंदाजी व एथेलिट प्रतियोगिता का उपायुक्त ने किया शुभारंभ