रामगढ़ : शनिवार की शाम रामगढ़ उपचुनाव को लेकर प्रचार-प्रसार का शोर बंद हो गया है. कल सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हो जाएगा. मतदान को लेकर प्रशासन ने पूरी तरह से तैयारी कर ली है. मतदान कल सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक चलेगा. इस उपचुनाव के मैदान में 18 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. दो मार्च को मतगणना की जाएगी. इस उपचुनाव को लेकर 25 फरवरी की शाम 5 बजे से 27 फरवरी की शाम 5 बजे तक पूरे रामगढ़ जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगायी गयी है.
दो हजार से अधिक मतदानकर्मी कराएंगे मतदान
रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव के मतदान के लिए दो हजार से अधिक मतदानकर्मी लगाए गए हैं. इनमें 2025 मतदान कर्मी, 69 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 63 माइक्रो ऑब्जर्वर की नियुक्ति की गयी है. रामगढ़ जिले के चार प्रखंड के कुल 233 भवनों में 405 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. रामगढ़ प्रखंड में 118, दुलमी प्रखंड में 64, चितरपुर प्रखंड में 70 एवं गोला प्रखंड में 153 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. वहीं 55 सेक्टर व 10 क्लस्टर बनाए गए हैं.
आधे से अधिक मतदान केंद्र अति संवेदनशील, रहेगी पर्याप्त संख्या में पुलिस बल
कुल मतदान केंद्रों में से आधे से अधिक मतदान केंद्र अति संवेदनशील हैं. बेहतर तरीके से चुनाव संपन्न हो जाए इसके लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल लगाया गया है. रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 405 मतदान केंद्रों में 244 मतदान केंद्र अति संवेदनशील, 114 संवेदनशील व 47 सामान्य मतदान केंद्र हैं. सोमवार को मतदान के बाद मतपेटियों को रामगढ़ कॉलेज में बने स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाएगा. मतगणना दो मार्च को रामगढ़ महाविद्यालय में बनाये गये मतगणना हॉल में होगी.
चुनावी रणभूमि में 18 दावेदार
रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में 18 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं. प्रत्याशी बजरंग महतो को हाथ छाप, सुनीता चौधरी को केला छाप, युगन कुमार को कंप्यूटर छाप, संतोष कुमार महतो को फलों से युक्त टोकरी छाप, अजीत कुमार को हरी मिर्च छाप, इमाम शफी को बैट्री टॉर्च छाप, कामदेव महतो को पानी का जहाज छाप, तुलेश्वर पासवान को गन्ना किसान छाप, धनंजय कुमार पुटूस को मोबाइल फोन चार्जर छाप, पांडव कुमार महतो को सेब छाप, प्रदीप कुमार को हेलिकॉप्टर छाप, प्रत्याशी फारुक अंसारी को फुटबॉल छाप, मनोज कुमार बेदिया को ऑटो-रिक्शा छाप, महिपाल महतो को भिंडी छाप, रंजीत महतो को चारपाई छाप, रामावतार महतो को बाल्टी छाप, सहदेव कुमार को भाला फेंक छाप तथा सुलेंद्र महतो को माचिस की डिब्बी छाप मिला है.
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