रामानुजगंज, अनिल कुमार : नगर रामानुजगंज सहित आसपास के क्षेत्रों में ऐसे कम ही व्यक्ति होंगे जो पाठक गुरुजी को नहीं जानते होंगे. पाठक गुरुजी के नाम से अपनी पहचान बनाने वाले 88 वर्षीय धनंजय पाठक प्राथमिक शाला रामानुजगंज में वर्ष 1956 से लेकर 2001 तक लगातार 45 वर्षों तक अपनी सेवा देने के बाद प्राथमिक शाला रामानुजगंज से रिटायर हुए. रिटायरमेंट के बाद राम मंदिर के पीछे ट्रस्ट के मिट्टी के मकान में अपनी सारी जिंदगी गुजार दी. आज वही पाठक सर राम मंदिर के सामने पीपल के नीचे बने हुए शनि मंदिर एवं आसपास के चबूतरो पर झाड़ू लेकर साफ सफाई करते अक्सर दिखाई देते हैं. जब हमारे संवाददाता ने उनसे पूछा कि कब से आप यह सब कर रहे हैं तब उन्होंने बड़े ही सहज और सरल तरीके से कहां कि यह सब छोड़ दीजिए बाबू हमको नाम नहीं चाहिए हम तो सिर्फ शनिदेव की सेवा में लगे हुए है बाकी ऐसा कोई भी सामाजिक काम होता है तो लग जाते हैं. इससे पहले बच्चों का भविष्य बनाने में लगे थे, अब इतनी उम्र के बाद भगवान की सेवा में लगकर लोगों की पूजा अर्चना में सहायता करते रहते हैं. आगे उन्होंने कहा, यह तो ऊपर वाले का प्रताप है की इतनी उम्र होने के बाद भी मैं पूरी तरीके से स्वस्थ हूं और यही मान के चलता हूं सब उनकी कृपा से हो रहा है, मैं तो सिर्फ माध्यम हूं.
पाठक सर के नाम से कांपते थे विद्यार्थी
समाज के बीच अपनी सेवा भाव को रखते हुए पाठक सर आज इस मुकाम पर पहुंचे है कि उनके द्वारा पढ़ाए हुए समाजसेवी सुभाष जायसवाल भाजपा नेता कन्हैया लाल अग्रवाल स्वर्गीय सुरेश पांडे नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल उपाध्यक्ष बजरंग गुप्ता कांग्रेसी नेता अशोक जायसवाल जिला बलरामपुर रामानुजगंज के वर्तमान विधायक बृहस्पति सिंह पूर्व गृह मंत्री एवं राज सभा सांसद रामविचार नेताम सहित ऐसे बहुत से वरिष्ठ लोग हैं जिनको इन्होंने पढ़ाते-पढ़ाते सुधारा है और आज यही कारण है कि रामानुजगंज सहित आसपास के क्षेत्रों में इनका नाम बहुत ही सम्मानित तरीके से लिया जाता है. उस समय के गुरुजी आज हाथ में झाड़ू लिए समाज को एवं आज के पीढ़ी के नौजवानों को अपने तरीके से अलग शिक्षा दे रहे हैं जो उन्हें भविष्य में जीना सिखाएगा.
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