बलरामपुर, अनिल गुप्ता। ज्ञानयज्ञ परिवार रामानुजगंज की एक बैठक दिनांक 18 मई 2023 को आमंत्रण धर्मशाला के हाल में आयोजित की गई। यज्ञोपरांत बैठक में बजरंग मुनि जी की उपस्थिति में तातापानी महायज्ञ की समीक्षा, आगामी महायज्ञ पर चर्चा, रामानुजगंज नगर के लोक स्वराज आधारित व्यवस्था एवं ज्ञानयज्ञ परिवार को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विचार विमर्श हुआ।
तातापानी महायज्ञ की सफलता के उद्देश्य से प्रस्तावित सदस्यता अभियान जिसमें लगभग 7000 से अधिक सदस्य बने थे, उन सदस्यों से संवाद एवं सहयोग की एक सुदृढ़ व्यवस्था बनाने के अन्य विकल्पों पर चर्चा हुई। यज्ञ में लोगों की उपस्थिति और कार्यक्रम की व्यवस्था पर लगभग सभी लोगों ने संतोष व्यक्त किया। आगामी त्रिकुंडा महायज्ञ पर दिनांक 22 मई 2023 को आयोजित बैठक की सूचना देते हुए प्रमोद केसरी जी ने बताया की तातापानी महायज्ञ की ही भांति 43 गांवों की नवाडीह अथवा त्रिकुंडा महायज्ञ आयोजन समिति का गठन किया जाएगा। वह समिति चर्चा करके स्थान एवं तिथियों का निर्णय भी उक्त बैठक में ही करेगी।
बजरंग मुनि जी ने रामानुजगंज नगर को अपराधमुक्त रखने के अपने संकल्प को रामानुजगंजवासियों के सामने दोहराते हुए, उन्होंने मोहन गुप्ता जी को अपनी इस दुर्लभ एवं अमूल्य विरासत का प्रतिनिधि बताते हुए लोगों से उनके सहयोग का आग्रह किया। अजय गुप्ता, अजय केसरी, बजरंग गुप्ता, राजेश प्रजापति आदि नगरवासियों ने मुनि जी के संकल्प एवं उनके विरासत को सहेजने की आवश्यकता पर बल दिया।
मुनि जी ने ज्ञानयज्ञ परिवार के वर्तमान स्वरूप खर्च इत्यादि बताया कि अभी तक ज्ञानयज्ञ परिवार का पूरा खर्च अपने मित्रों के माध्यम से पूरा करते आए हैं। उन्होंने इस अभियान को राष्ट्रव्यापी बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि देश की अधिकतम जनसंख्या शरीफ लोगों की है। जो अपने परिवार को अच्छे संस्कार देने उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने में लगा रहता है। वह ना तो भ्रष्टाचार में लिप्त होता है ना अपराध में। ऐसे आम जनमानस को मुट्ठी भर धूर्त लोग विभिन्न प्रकार के प्रपंच रच कर लूटते रहते हैं। शरीफ लोगों के बीच सत्य असत्य को स्वार्थ रहित हो रखकर इनमें विचार मंथन की प्रक्रिया के द्वारा समझदार बनाए बिना लूट के व्यापार को बंद नहीं किया जा सकता। लोगों को गुलाम बनाये रखने के लिए उन्हें अमीर गरीब, हिन्दू मुस्लिम, सवर्ण दलित, स्त्री पुरुष आदि के आधार पर बांट कर उनमें वर्ग संघर्ष बढ़ाने का काम कानून सम्मत तरीके से किया जा रहा है। समाज विज्ञान पर शोध और समझदारी का विस्तार ज्ञानयज्ञ परिवार का प्रमुख उत्तरदाई कार्य है। उन्होने इस योजना को आत्मनिर्भर बनाने की अपील की।