नई दिल्ली : दिल्ली शराब नीति केस में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया की रिमांड दो दिन के लिए बढ़ा दी गई है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM को 6 मार्च तक CBI कस्टडी पर भेज दिया। वहीं, सिसोदिया की तरफ से दाखिल जमानत याचिका पर कोर्ट 10 मार्च को फैसला सुनाएगा।
आज यानी शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सिसोदिया की पेशी हुई। CBI ने कोर्ट से तीन दिन के लिए उनकी कस्टडी मांगी थी। सिसोदिया 26 फरवरी को गिरफ्तार हुए थे। कोर्ट ने उन्हें 27 फरवरी को पांच दिन के लिए CBI रिमांड पर भेजा था। रिमांड की अवधि आज यानी 4 मार्च को पूरी हो गई है।
सिसोदिया की दलील- पूछताछ में पूरा सहयोग किया
शुक्रवार को सिसोदिया ने निचली अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में उन्होंने लिखा कि CBI की पूछताछ में उन्होंने सहयोग किया है। जब भी उन्हें बुलाया गया, वे आए हैं। उन्होंने दलील दी कि उन्हें कस्टडी में रखने के पीछे अब कोई वाजिब कारण नहीं है, क्योंकि सारी रिकवरी तो CBI कर चुकी है।
26 फरवरी को हुई थी सिसोदिया की गिरफ्तारी
CBI ने 26 फरवरी को सिसोदिया को 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। 27 फरवरी को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने CBI को सिसोदिया की 5 दिन की कस्टडी दी थी। 28 फरवरी की सुबह कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।
उन्होंने कोर्ट से मामले पर फौरन सुनवाई की अपील की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। हालांकि 28 फरवरी को सुनवाई के दौरान CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि आप पहले हाईकोर्ट जाइए। सीधे हमारे पास आने का क्या मतलब है। हम एक गलत परंपरा को बढ़ावा नहीं दे सकते।
आतिशी और सौरभ होंगे दिल्ली सरकार के नए मंत्री
दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज का नाम LG के पास मंजूरी के लिए भेजा है। अभी सिसोदिया और जैन के विभाग की जिम्मेदारी कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद के पास रहेगी। इस बारे में गजट नोटिफिकेशन भी जारी हो गया है। सौरभ भारद्वाज केजरीवाल की 49 दिन की पहली सरकार में ट्रांसपोर्ट मंत्री रह चुके हैं। आतिशी मार्लेना एजुकेशन सेक्टर में सिसोदिया की सलाहकार रही हैं।
CBI को मिली थी सिसोदिया की पांच दिन की रिमांड
CBI ने दिल्ली की अदालत को बताया था कि सिसोदिया पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वे हर सवाल का गोलमोल जवाब दे रहे हैं, इसलिए उनकी 5 दिन की रिमांड चाहिए। सिसोदिया के वकील ने इसका विरोध किया था। उनका तर्क था कि एक डिप्टी CM को रिमांड पर भेजने से गलत मैसेज जाएगा।
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