बलरामपुर। रामानुजगंज के प्राचीन श्रीराम मंदिर के पूजारी पंडित यशपाल दुबे ने बताया कि इस बार पंचांग में वर्णित तिथि और नक्षत्र के हिसाब से इस वर्ष फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष चतुर्दशी 24 मार्च को दिन में 9:24 पर समाप्त हो रहा है उसके बाद पुर्णिमा तिथि लग रही है जो द्वितीय दिन अर्थात 25 मार्च को दिन में 11:31 तक रह रही है अतः होलिका दहन पूर्व दिन रविवार 24 मार्च को भद्रा समाप्ति के बाद रात 10:27 के बाद और 12:17 के पहले होगा। रंगोत्सव चैत्र कृष्ण पक्ष उदयातिथि के प्रतिपदा दिन मंगलवार 26 मार्च को मनाया जाएगा।
पंडित यशपाल दुबे ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन पूर्णिमा तिथि और भद्रा रहित काल में करना शुभ माना जाता है। ऐसे में होलिका दहन 24 मार्च को और रंगों वाली होली 25 मार्च को खेली जाएगी। होलिका दहन का शुभ समय रात 11 बजकर 13 मिनट के बाद करना शुभ रहेगा।
होलिका दहन पर चंद्रग्रहण को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा
पंडित यशपाल दुबे ने बताया कि होलिका दहन पर चंद्रग्रहण को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है कि चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। जबकि इस बार होली पर कोई चंद्रग्रहण नहीं है। जो उपछाया चंद्रग्रहण लगने जा रहा है वह भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए भारत में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं रहेगा। इसलिए इसका दान आदि करने की भी विधान मान्य नहीं रहेगा। इसलिए होली पर ग्रहण दोष का भय मन से हटाकर रंगोत्व का आनंद ले। होलिका दहन पर इस साल चंद्रग्रहण के साथ साथ भद्रकाल का साया भी रहेगा। इस साल करीब 100 साल बाद होली पर चंद्रग्रहण लगने जा रहा है।
ये भी पढ़िए.…