हजारीबाग, ऑफबीट संवाददाता : हजारीबाग के जयप्रकाश मार्ग निवासी राशिद हुसैन ने संघर्ष से नीट में कामयाबी पायी है. कोविड में पिता मो. यूसुफ अंसारी की असामयिक मौत से बेसहारा हुए परिवार में तीन वर्षों के बाद खुशियां लौटीं. नीट की परीक्षा में 720 में 652 अंक बटोर ऑल इंडिया रैंक 6474 लानेवाले राशिद कहते हैं कि वर्ष 2020 का वह भयावह दिन नहीं भूला. जब उनके शिक्षक पिता यूसुफ अंसारी कोविड पीड़ित पूरे परिवार को बचाने में अपनी जान गंवा दी. असमय सिर से पिता का साया उठने के बाद बड़ा बेटा होने के नाते पूरे परिवार को संभालना उनकी जिम्मेवारी बन गई. अब्बू ने बड़े शौक से कोटा में मेडिकल की तैयारी के लिए भेजा था. अब उनका ख्वाब पूरा करने का वक्त आ गया. मन में संकल्प है कि डॉक्टर बन हर मरीज की जिंदगी बचाने की कोशिश होगी. मन में यह दृढ़ निश्चय है कि जरूरतमंदों का इलाज नि:शुल्क करेंगे. राशिद की अम्मी गुलशन आरा कहती हैं कि उनके दो बेटे हैं. छोटा बेटा इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा है. पति के गुजरने के बाद उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा और दोनों बेटों को पति के दिए तालीम की लौ जलती रहे का संदेश याद दिलाते रहे. आज बेटे की कामयाबी ने खुशी के आंसू से पति की मौत का गम कुछ कम किया है.
शिक्षक संघ ने की उज्ज्वल भविष्य की कामना
झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मो. अतिकुज्जमा, कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार, महासचिव कुमार सतपाल, मीडिया प्रभारी राजीव झा समेत कई लोगों ने राशिद को उनकी कामयाबी के लिए बधाई दी है. साथ ही कहा है कि नीट में उनकी सफलता ही उनके मरहूम अब्बूजान के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है. संघ ने भरोसा दिया है कि राशिद और उनके पूरे परिवार के साथ हर सदस्य उनके साथ है. संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि मध्य विद्यालय उर्दू इचाक मकतब के शिक्षक रहे मो. यूसुफ शांत, शील और मिलनसार व्यवहार के इंसान थे. संघ में लंबे समय तक उपसचिव पद पर रहे.
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