हजारीबाग. कैथोलिक ईसाई समुदाय के लोगों ने बुधवार को हजारीबाग के हुरहुरू सिमेट्री रोड स्थित कब्रिस्तान में अपने-अपने दिवंगत पूर्वजों को याद किया. साथ ही उनके लिए प्रार्थना सभा की. इसके लिए ईसाई समुदाय के लोगों ने बहुत पहले से ही कब्रिस्तान की साफ सफाई और अपने-अपने कब्र की रंग रोगन की थी. वहां फूल-माला से सजा कर मोमबत्ती और अगरबत्ती जलाई गई.
इस अवसर पर अहले सुबह बिशप आनद जोजो के नेतृत्व में पल्ली पुरोहित अंटोनी, पुरोहित फादर टॉमी, फादर रेमंड सोरेंग, फादर अब्राहम, फादर मनोज तिर्की, फादर प्रबल खाखा, फादर रोशन किंडो, फादर बिजय एक्का, फादर समीर केरकेट्टा, डीक्कन संतोष टोपनो और फादर प्रदीप एक्का ने मिस्सा पूजा की. बिशप आनंद जोजो ने अपने संदेश में कहा कि जीवन और मृत्यु सार्वभौमिक सत्य है और हमें जन्म लेने से लेकर और मृत्य तक के बीच का समय जिम्मेदारी भरा होना चाहिए. हम एक दूसरे के प्रति जो व्यवहार करते हैं और साथ में प्रकृति के प्रति जो व्यवहार करते हैं, वह जिम्मेदारी भरा होना चाहिए. यह जीवन सिर्फ हमारी पीढ़ी के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी है. इसलिए हमें आने वाले पीढ़ी तक के लिए बेहतर बना कर रखना है.
प्रभु ईसा मसीह के बताई बात दूसरे के प्रति प्रेम, दया और मानवता को अपने व्यवहार में शामिल करना है. मिस्सा पूजा के बाद बिशप ने सभी कब्र पर पवित्र जल से आशीष किया. उस समय ख्रीस्तीय विश्वासियों ने अपने परिजन के कब्र पर मोमबत्ती और अगरबत्ती जलाकर प्रार्थना की. इस अवसर पर काफी संख्या में ईसाई समुदाय के साथ होलीक्रॉस, कार्मेल, एफसीसी आदि की धर्मबहनें भी उपस्थित थीं. मिस्सा पूजा के भक्ति गीत का संचालन संत जोसफ कार्मेल की धर्मबहनें और छात्राओं ने किया. इस अवसर पर झामुमो नेत्री रूचि कुजूर ने भी अपनी माता स्व. सरोज डाडेल के कब्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. उनकी माता का देहांत पिछले वर्ष कोरोना से हो गया था. समारोह को सफल बनाने में फरदीनंद लकड़ा, कैथोलिक सभा, महिला संघ और युवा संघ के सदस्यों ने अपना योगदान दिया.