पलामू। झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा पर नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले बूढ़ा पहाड़ की फिजा बदल रही है। इलाके के लोग अब मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी लगातार बूढ़ा पहाड़ और उसके आसपास के इलाके की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। झारखंड सरकार के वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी लगातार बूढ़ा पहाड़ के इलाके का दौरा कर रहे हैं। इलाके में तैनात जवान और ग्रामीणों से बातचीत की जा रही है।
बूढ़ा पहाड़ इलाके के हालात पर पलामू जोन के आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि बूढ़ा पहाड़ के इलाके में सुरक्षाबल मौजूद हैं। इस इलाके में कई विकास कार्य शुरू किए गए हैं। इलाके की संवेदनशीलता का इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस के सीनियर अधिकारी लगातार इलाके में पहुंचते हैं। बूढ़ा पहाड़ के इलाके को क्लोजली मॉनिटर किया जा रहा है। अधिकारी दौरा करते है और जवानों का हौसला बढ़ाते हैं।
आईजी ने बताया कि ग्रामीणों के साथ संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को दूर किया जाता है। झारखंड और छत्तीसगढ़ दोनों इलाके के बच्चे सीआरपीएफ के कैंप में पढ़ाई कर रहे हैं। जवान बच्चों को पढ़ा रहे हैं और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ रहे हैं। बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट से इलाके की तस्वीर बदल जाएगी। इस प्रोजेक्ट के तहत इलाके में रोड, पुल, पुलिया और स्वरोजगार समेत कई बिंदुओं पर कार्य होना हैं। इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई स्तर पर भी समीक्षा की जाती है।
आईजी के मुताबिक, इलाके में तैनात जवान हाई अलर्ट पर भी रहते हैं। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए रणनीति बनाई जाती है और समय के साथ इसमें परिवर्तन भी किया जाता है। इलाके में एक दर्जन के करीब सीआरपीएफ कंपनियां तैनात है, जो लगातार इलाके में शांति व्यवस्था कायम करने में जुटी हुईं हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने बूढ़ा पहाड़ पर 100 करोड़ की लागत से बूढ़ा पहाड़ विकास परियोजना (बीपीडीपी) का शिलान्यास किया था।
ये भी पढ़िए……