बलरामपुर, अनिल गुप्ता। भारतीय परम्परा में दूध को हमेशा से ही सम्पूर्ण आहार माना जाता रहा है, इसलिए हमारे घरों में दूध और उसके उत्पादों को विभिन्न व्यंजनोें के रूप में परोसा जाता रहा है। दूध की गुणवत्ता के कारण ही आयुर्वेद में दूध का विशेष महत्व है। दूध और दूध के उत्पादों को आहार में शामिल करने एवं इसके महत्व से पूरे विश्व को परिचित कराने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन द्वारा 2001 से विश्व दुग्ध दिवस 1 जून को मनाने की शुरुआत की गई।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। जिससे जुड़कर पशुपालक वर्ग कई तरह से लाभान्वित हो रहे हैं। योजनाओं के जरिए लोगों को वित्त की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन में शासन द्वारा गौ उत्पादों को लेकर बेहद महत्वपूर्ण गोधन न्याय योजना क्रियान्वित की जा रही है। इस कारण इससे ग्रामीणों का जुड़ाव तेजी से हुआ है और पशुधन के संवर्धन और संरक्षण के लिए भी अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है। अब गौ उत्पाद के बिक्री से हो रहे लाभ ग्रामीणों को पशुपालन के लिए प्रोत्साहित कर रहें हैं। जिससे जिले में विगत वर्षों में दूध का उत्पादन बढ़ा है। इसके साथ ही दूधारू गाय-भैंस की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
सेहत के लिए फायदेमंद है दूध
गलत जीवन शैली अपनाने से विगत कुछ सालों में कई बीमारियां बढ़ी हैं, यही वजह है कि लोग अपने स्वास्थ्य को लकर सतर्क हो गए हैं और खुद के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अच्छा आहार, नींद और व्यायाम कर रहे हैं। पौष्टिकता के क्रम दूध एक ऐसी चीज है जिसका सेवन हर घर में हो रहा है। दूध में कैल्शियम, पोटेशियम, विटामिन ए, विटामिन ई 12, विटामिन बी, फास्फोरस, प्रोटीन आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिसके सेवन से हड्डियों और दांतों को मजबूती मिलती है। इसके साथ ही ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है और दूध रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करने में भी कारगर है।
स्व-सहायता समूह की महिलाएं कर रही हैं डेयरी का संचालन
बिहान द्वारा जिले की स्व-सहायता समूह की महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान कर डेयरी संचालन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि समूह की महिलाओं को स्वरोजगार देकर उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत की जा सके। वर्तमान में वाड्रफनगर व राजपुर विकासखण्ड में एक-एक डेयरी का संचालन समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। जहां आस-पास के 10 गावों के 76 पशुपालक से प्रतिदिन लगभग 152 लीटर दूध की खरीदी की जा रही है। जिससे समूह की महिलाएं से निर्मित खाद्य पदार्थ की बिक्री कर कुल 02 लाख 13 हजार 520 रुपये की आय अर्जित की हैं।
गौठानों में कराया गया गर्भवती महिलाओं और बच्चों को दुग्धपान
विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर कलेक्टर श्री रिमिजियुस एक्का के निर्देशन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती रेना जमील के मार्गदर्शन में जिले के विभिन्न विकासखण्डों के गौठानों में विश्व दूध दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दूध की महत्ता और सार्थकता से लोगों को अवगत कराते हुए दूध को मुख्य आहार में शामिल करने के लिए प्रेरित किया गया। इस अवसर पर गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए सामूहिक रूप से दुग्ध पान कराया गया। बलरामपुर विकासखण्ड के जाबर गौठान में 20 से अधिक गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को पौष्टिक आहार दूध पिलाया गया। आयोजित कार्यक्रम में किसान क्रेडिट कार्ड लेने, टीकाकरण कराने, बीमारियों से बचाव आदि के संबंध में साथ ही अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए विशेषज्ञों द्वारा लोगों को अधिक जानकारी भी प्रदान की गई।