रांची : भारतीय हॉकी टीम में झारखंड के चार खिलाड़ियों ने जगह बना ली है। हॉकी में झारखंड का दबदबा है, बुधवार को भारतीय महिला हॉकी टीम में झारखंड की चार खिलाड़ियों का चयन हुआ। इन खिलाड़ियों में मिड फिल्डर निक्की प्रधान, तेज तर्रार फॉरवर्ड सलीमा टेटे और संगीता कुमारी का चयन किया गया है। फॉरवर्ड ब्यूटी डुंगडुंग को पहली बार हॉकी टीम में जगह मिली है। भारतीय महिला हॉकी टीम 27 नवंबर से 18 दिसंबर तक स्पेन में आयोजित FIH महिला हॉकी राष्ट्र कप में शामिल होगी।
झारखंड हॉकी के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह ने फोन पर हुई बातचीत में कहा, यह राज्य के लिए गर्व की बात है। झारखंड के कई राज्यों में हॉकी बचपन से खेली जाती है, यह तैयारी राज्य के लिए काम आ रही है। भारतीय महिला हॉकी टीम ओलंपिक और विश्वकप जैसे बड़ी प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले रही है। राज्य में अभी और संभावनाएं हैं, हम हॉकी में और बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि इसमें और बेहतर प्रदर्शन करें।
गांव से निकल रही है राष्ट्रीय स्तर की प्रतिभा
झारखंड के ज्यादातर खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत के दम पर अपनी जगह बनाई है। ज्यादातर खिलाड़ी ग्रामीण परिवेश के हैं , गांव में ही बांस की हॉकी उनके हाथों में आ गयी थी। हॉकी गांव में ही बनाई जाती है, बांस की बनी हॉकी खिलाड़ियों को तराशने में मदद कर रही है। सिमडेगा इलाके में इस हॉकी के सहारे कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार हो रहे हैं।
निक्की प्रधान- खूंटी जिले के मुरहू प्रखंड से पेरोल गांव की रहने वाली निक्की प्रधान ने बचपन में ही हॉकी खेलना शुरू किया था। गांव में हॉकी का कोई मैदान नहीं था, जहां वह राष्ट्रीय स्तर की तैयारी कर सकें। इन्होंने शहर आकर अपनी तैयारी की। अपनी मेहनत और खेल के प्रति उनके लगाव ने आज उन्हें इस मुकाम तक पहुंचा दिया। निक्की इकलौती नहीं है, तीन बहनें भी राष्ट्रीय स्तर की हॉकी खिलाड़ी रह चुकी हैं। निक्की ने दो ओलंपिक में भाग लिया है साथ ही वर्ल्ड कप, कॉमनवेल्थ गेम, एशिया कप सहित कई बड़े खेलों में भी अपनी प्रतिभा दिखा चुकी हैं।
सलीमा टेटे- सिमडेगा जिले के सदर प्रखंड में बड़की छपार गांव की रहने वाली है। हॉकी सिमडेगा जिले के कई गांवों में खूब खेला जाता है। सलीमा कोसों पैदल चलकर स्कूल जाती थीं। स्कूल टीम में उनका चयन हुआ फिर उनके शानदार खेल ने गांव स्तर के होने वाली कई प्रतियोगिताओं में उनकी पहचान बायी। गांव के खस्सी कप, मुर्गा कप में सलीमा के शानदार प्रदर्शन की चर्चा होना लगी थी। धीरे- धीरे सलीमा ने राष्ट्रीय टीम में जगह बना ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सलीमा के खेल की तारीख कर चुके हैं।
संगीता कुमारी- सिमडेगा जिले के केरसई प्रखंड के करगागुडी नवाटोली गांव की रहने संगीता ने भी बचपने में ही बांस से बनी हॉकी थाम ली थी। इन इलाकों में हॉकी बचपन के खेल में शामिल है। संगीता गरीब परिवार में रहकर भी खेल के प्रति अपने लगाव को पूरा करती रहीं। एक साल में कॉमनवेल्थ गेम, एफआईएच हॉकी लीग सहित पूर्व में जूनियर एशिया कप जैसे कई प्रतियोगिताओं में भारतीय टीम का चेहरा रहीं।
ब्यूटी डुंगडुंग – सिमडेगा जिले के केरसई प्रखंड के करगागुड़ी बाजू टोली से ब्यूटी डुंगडुंग के परिवार के कई सदस्यों ने हॉकी को नयी पहचान दी है। इन्हें जुनियर टीम में जगह मिली है। ब्यूटी के दादा, पिताजी, चाचा, भाई और भाभी सभी राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी घर के माहौल में ही हॉकी यही वजह है कि इतने खिलाड़ियों के बीच ब्यूटी की प्रतिभा भी निखरती रही।