रांची। अकादमिक एवं कल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत गोवा युनिवर्सिटी से छात्रों शिक्षकों की टीम 17-19 फरवरी तक रांची विश्वविद्यालय पहुंची। गोवा से छात्रों के साथ समन्वयक डॉ. वाल्टसर मेनेजेस भी आये हैं, जो दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर हैं।
सोमवार को गोवा युनिवर्सिटी से आये छात्रों और शिक्षकों की टीम का बेसिक साइंस परिसर में झारखंड की परंपरा के अनुसार गीत संगीत और नृत्य से भव्य स्वागत किया गया, जिसके बाद रांची युनिवर्सिटी के आइक्यूएसी कांफ्रेंस हॉल में आयोजित कार्यक्रम में रांची युनिवर्सिटी के कुलपति, प्रो.अजीत कुमार सिन्हा ने उन्हेंं यहां आने के लिये आभार जताया और कहा कि वह झारखंड की संस्कृति और रांची युनिवर्सिटी के शैक्षणिक माहौल को करीब से देखें।
कार्यक्रम में स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम तथा आइकेएस की कोर्डिनेटर डॉ. स्मृति सिंह ने कहा कि हमारा झारखंड कला संस्कृति के मामले में धनी राज्य है। रांची युनिवर्सिटी झारखंड का सबसे पुराना युनिवर्सिटी है जिसकी प्रतिष्ठित अकादमिक संस्कृति है। हम चाहेंगे कि आप इन सब चीजों को यहां देखें। डीएसडब्ल्यू डॉ. एसके साहु ने कहा कि भारत बहुत बड़ा देश है। यहां भाषा संस्कृति में बहुत सारी विविधताएं हैं। हम चाहेंगे कि आप झारखंड को नजदीक से देखें ।
डॉ. बीके सिन्हा ने कहा कि गोवा की मेहमानवाजी बहुत अच्छी है और हम चाहेंगे कि आप सभी झारखंड के मेहमानवाजी को देखें और महसूस करें। वहीं एनएसस के कोर्डिनेटर डॉ. ब्रजेश कुमार ने कहा कि भले देश बड़ा है भिन्न भिन्न संस्कृतियां हैं पर हम सबों में बहुत समानताएं हैं।
ह्युमेनिटी डीन डॉ. अर्चना दूबे ने संस्कृत में स्वागत गीत सुनाया। बाद में छात्रों शिक्षकों की टीम ने रांची विश्वविद्यालय के पीजी अंग्रेजी, हिन्दी और इतिहास विभाग का भ्रमण भी किया।
हेरिटेज टूर के तहत मेहमान छात्रों की टीम रॉक गार्डेन, टैगोर हिल, ट्राइबल रिसर्च इंस्टीच्यूट एवं म्युजियम, राज भवन, नक्षत्र वन, हाइकोर्ट, जेएससीए स्टेरडियम,धुर्वा डैम और विधानसभा भवन को देखा।
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