हजारीबाग। जानलेवा हमला के आरोपी रामनवमी महासमिति के पूर्व अध्यक्ष मंजीत यादव को लोहसिंघना पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस की नजरों में भागे फिर रहे मंजीत के दोनो पुत्र मीत यादव और कृष्णा यादव अब भी फरार चल रहे हैं। पुलिस दोनो फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी कर रही है। पुलिस के अनुसार मंजीत यादव और उसके दोनों पुत्रो के विरुद्ध लोहसिंघना थाने में 15 मई को शाहबाज कुरैशी ने लिखित आवेदन दे कर थाना में कांड संख्या 93/2024 भादवि की धारा 279, 307, 325, 326/34 के तहत कांड दर्ज कराया था। आवेदन में बताया गया है कि 15 मई को शाहबाज कुरैशी अपने साथी सादाब हसनैन के साथ इंद्रपुरी से पीटीसी रोड जा रहे थे। तभी आकाशदीप होटल के निकट ब्रेजा में सवार तीनों पिता पुत्र ने शाहबाज की स्कूटी को टारगेट कर रौंद दिया।
आवेदन में जानलेवा हमला करते हुए दोनों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। पुलिस ने शाहबाज के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू की। तभी से तीनों पिता-पुत्र फरार चल रहे थे। पुलिस ने मंजीत यादव को समाहरणयालय के बाहर से गिरफ्तार किया है। मंजीत और उनके पुत्रो के विरुद्ध बड़ा बाजार ओपी में भी कई मामले दर्ज हैं, जहा बड़ा बाजार पुलिस सभी की तलाश कर रही थी। सूचना यह भी है कि बड़ा बाजार पुलिस अपने मामलो में जल्द मंजीत को रिमांड पर लेगी। मंजीत के लिए जेल से बाहर आने का रास्ता आसान नहीं होगा। मंजीत का पुत्र मीत यादव इस साल रामनवमी महासमिति में अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश की थी और चुनाव में दूसरे स्थान पर रहा था।
रामनवमी महासमिति में ऐसे दावेदारों के आने पर शहर में खासी चर्चा है कि पृष्ठभूमि खंगालकर ही रामनवमी जैसे पावन पर्व में उम्मीदवारी के लिए मौका देने की जरूरत है। ऐसे आरोपियों के चयन से रामनवमी महासमिति पर भी दुष्प्रभाव पड़ने की बात शहरवासी कह रहे हैं।
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