बलरामपुर, अनिल गुप्ता: हमारे समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन इसका दुसरा पहलू भी है जिसमें महिलाओं के प्रति यौन उत्पीडन और हिंसा की घटनाएं भी लगातार सामने आती हैं. जिला मुख्यालय में आज एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया गया. इस कार्यशाला में कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीडन दहेज प्रताड़ना, टोनही प्रताड़ना इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं स्कूली छात्राएं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहीं.
महिलाओं का समाज में जागरूक होना जरूरी
पोक्सो न्यायालय के विशेष न्यायाधीश आशीष पाठक ने वर्तमान समाज में महिलाओं की जागरूकता और अधिकारों की बात करते हुए कहा कि महिलाएं जागरूक रहेंगी तो समाज में अपने अधिकारों के लिए अपना पक्ष मुखरता से रख सकेंगी. संविधान में महिलाओं के लिए अनेकों कानून हैं उन सभी चीजों की जानकारी लेकर अपने साथ समाज की सभी महिलाओं को साथ लेकर चलेंगी.
लिंगभेद को मिटाना है जरूरी
महिलाएं अपने घर परिवार और समाज की प्रगति में योगदान देती हैं आज समाज के सभी क्षेत्रों में महिलाएं आगे बढ़ चुकी है लेकिन लिंगभेद किया जाता है लिंगभेद को मिटाकर समाज में महिलाओं और पुरुषों को समान रूप से अवसर प्रदान करना जरूरी है. दहेज प्रथा जैसी कूरीतियों को समाज से खत्म करना जरूरी है जिससे हमारे समाज में लिंगभेद को जड़ से समाप्त किया जा सके.
समाज में महिलाओं की अहम भूमिका: श्रुति दुबे, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
महिलाओं और बच्चों के लैंगिक शोषण के संबंध में कानूनों सहित पोक्सो एक्ट के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई साथ ही महिलाओं से संबोधित अपराधों पर रोकथाम के लिए इस जागरूकता कार्यक्रम के जरिए सभी को मिलकर प्रयास किया जाना चाहिए. समाज में सोशल मीडिया की अहम भूमिका है लेकिन सोशल मीडिया का उपयोग सावधानी से करना चाहिए ताकि हमारे आज के जेनरेशन के बच्चे इस तरह के अपराधों से बच सकें.