हजारीबाग। आप सभी जानते हैं कि भारतीय संस्कृति और परंपरा की चमक पूरी दुनिया में फैली हुई है। इससे लोक आस्था का महापर्व छठ भी अछूता नहीं है। माॅरीशस, अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, आस्ट्रेलिया समेत विभिन्न देशों में रहनेवाले भारतीय धूमधाम से छठ पर्व मनाते हैं। इस बार हम नीदरलैंड में महापर्व छठ की धूम के कुछ अंश आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं।

झारखंड स्थित हजारीबाग के जगदीश काॅलोनी निवासी अमित रंजन ने इस बार अपने परिवार के साथ नीदरलैंड में प्रकृति से जुड़ा नेम-निष्ठा का महापर्व छठ मनाया। उन्हीं के सौजन्य से कुछ तस्वीरें और वहां मनाए गए छठ के बारे में जानकारी मिल पायी। अमित रंजन वहां साॅफ्टवेयर इंजीनियर हैं। अभी हाल में अपनी मां मिथिलेश देवी को लेकर वहां गए हैं। अमित रंजन की पत्नी दीप ने विधि-विधान से छठ किया।

अमित ने बताया कि नीदरलैंड के एक शहर आइंडोवेन में तीन भारतीय परिवार और विथोर्न में 500 श्रद्धालु इस त्योहार में जुटे। अमूमन झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के परिवार ने वहां छठ मनाते हैं। सौ-डेढ़ सौ साल से बसे सुदीनामी परिवार भजन-कीर्तन करते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। बच्चों से जुड़े कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। यहां सामूहिक रूप से कृत्रिम जलाशय में अप्रवासी भारतीय छठ करते हैं। खुद के खर्च पर यह त्योहार मनाया जाता है।

इस वर्ष करीब 6000 यूरो यानी करीब सात लाख रुपए जुटाए। सभी ने वहां कैलाश पर्वत रेस्टोरेंट में बिना प्याज-लहसुन का सात्विक भोजन किया। अमित रंजन के साथ बिहार स्थित पटना-गया जी के अतुल विभूति श्रीवास्तव और शिवशंकर पंडित के परिवार ने छठ पूजा की। छठ महिमा के मंगल गीत गाए गए। नहाय-खाय के साथ खरना अनुष्ठान और फिर अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्य को सभी ने अर्घ्य दान समर्पित किया।

दरअसल एक तो भारतीय परंपरा, सभ्यता और संस्कृति को सरहद पार भी भारतीय संजोकर रखे हुए हैं। साथ ही त्योहार के रूप में सबका इकट्ठे एक संस्कृति के लोगों का मेल-मिलाप होता है और प्रक।ति, पर्यावरण, स्वच्छता और नेम-निष्ठा का भारतीय संदेश भी विश्वपटल पर फैलता है, यह सुखद और बड़ी बात है।
भारतीय धर्म, अध्यात्म के साथ इसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी इस त्योहार में समाहित है, इसका संदेश भी विदेश की धरती पर बिखरता है। वहीं ठेकुए की सोंधी खूशबू और स्वाद की अलग ही भारतीय पकवान की पहचान से भी विदेशी रू-ब-रू होते हैं।

