हजारीबाग। वश में हमारे क्या नहीं, बस खोट न हो इमान में, भेद दे फौलाद भी, जो इरादे हों इंसान में…। इन्हीं पंक्तियों को चरितार्थ कर रही हैं दो बच्चों की मां आराधना प्रियदर्शिनी। घर-परिवार को बखूबी संभालते हुए अपने सपनों को पंख दे आज नई और ऊंची उड़ान भर रही हैं। छोटे से शहर हजारीबाग से शिक्षा के क्षेत्र में उनका सफर शुरू होकर मिसेज इंडिया के माडलिंग तक जा पहुंचा। खुद का डांसिंग डाॅल एकेडेमी खोलकर हर उम्र के लोगों को बालीवुड स्टाइल डांस, एरोबिक, जुंबा, योग आदि की ट्रेनर बनीं। छोटी सी उम्र में हिन्दी-इंगलिश में भावपूर्ण कविताएं रच देश-दुनिया को विस्मित कर दिया। उनकी कविताएं नामी-गिरामी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने लगी। उनकी राइटिंग स्किल में इतना दम है कि ‘द नोनेज’ ने उन्हें द लंदन बुक आफ का खिताब दिला दिया।
हजारीबाग की बेटी और पलामू हरिहरगंज की बहू आराधना ने अपने बलबूते देश-दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। उनके शब्दों के जादू ने आस्ट्रेलिया के एक साहित्यकारों का ग्रुप शब्दाक्षर ने उन्हें प्रेसीडेंट आप लिट्रेचर के पद पर आसीन करा दिया।
फिलहाल बंगलुरु में आईटी के क्षेत्र में कार्यरत पति मूल रूप से पलामू हरिहरगंज निवासी कौशल किशोर के साथ रह रहीं आराधना प्रियदर्शिनी ने हजारीबाग के विवेकानंद सेंट्रल स्कूल से मैट्रिक और फिर संत कोलंबा कालेज हजारीबाग से ग्रेजुएट हुईं। वह विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के एमबीए डिपार्टमेंट और अन्नदा कालेज में बीसीए और एमबीए की प्रोफेसर भी रह चुकी हैं।
मिशन रोड निवासी होम्योपैथ के चिकित्सकों डाॅ पंकजकांत सहाय और ब्यूटिशियन आरती सहाय की सुपुत्री आराधना के भाई आकाश प्रसून अमेरिका में आईटी के क्षेत्र में हैं। मां और भाई से प्रभावित आराधना ने डांसिंग के टिप्स सिखाते-सिखाते माॅडलिंग की दुनिया में कदम रखा। उनकी रैंपवाॅक इतनी शानदार रही कि पिछले ही वर्ष 2024 में मिसेज इंडिया कर्नाटका और मिसेज इंडिया झारखंड का खिताब अपने नाम किया। फिर तो माॅडलिंग के लिए आफर्स की बौछार लग गई। ज्वेलरी, शूट आदि के लिए विभिन्न बड़ी कंपनियों के लिए माॅडलिंग कीं। कैंसर पीड़ितों की आर्थिक सहायता के लिए चैरिटी शो भी किए। कन्नड़ फिल्मों के लीड रोल के लिए आफर आने लगे। माडलिंग के अलावा वह आराधना ट्यूटोरियल भी आनलाइन चला रही हैं। उनकी मोटिवेशनल स्पीच खासकर कविता की तो दुनिया दीवानी है। उनके फैंस फौलोअर लाखों में हैं। बांग्लादेश से लेकर नाइजीरिया, आस्ट्रेलिया समेत विभिन्न देशों में आराधना मशहूर हैं। आस्ट्रेलिया में म्यूजिकल बैंड ट्यून्स रेडियो से वह जुड़ी हैं, जिसमें उनकी एंकरिंग और गायिकी कै लोग कायल हैं।
डांसिंग डाॅल एकेडेमी से आफलाइन और यूट्यूब चैनल पर लोगों को डांस, एरोबिक, योग आदि की तालीम बतौर प्रशिक्षक दे रही हैं। एक बेटे और एक बेटी, पत्नी और बहू की जिम्मेवारी संभालते हुए मनपसंद और खुशहाल जीवन जीने की उनकी कला उन महिलाओं के लिए संजीवनी का काम कर रही हैं, जो शादी के बाद खुद को घर की देहरी तक ही सीमित कर लेती हैं। आराधना कहती हैं कि लड़कियों को अपना सपना पूरा करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए। शादी के बाद भी उन्हें अपनी ख्वाहिशों को जिंदा रखना चाहिए। उसके लिए परिवार को समझाने और फाइट करने की जरूरत पड़े, तो अदब से वह भी करना चाहिए। कायदे से समझाने पर परिवार भी उनपर भरोसा करेगा, जैसा कि उनके जीवन में हुआ।
उनके पिता, मां, भाई, पति, सांस सभी ने खूब सपोर्ट किया। बाहर शूट होने पर बच्चों को संभालने के लिए पति खुद की नौकरी से छुट्टी ले लेते हैं। भाई ने उन्हें डांस के लिए प्रेरित किया। मां के अधूरे सपनों को वह हकीकत कर जीवन के सफल मुकाम पर खड़ी हैं। पशुप्रेमी आराधना हर रोज दर्जनों लावारिस कुत्तों को भोजन कराती हैं। गोमाता की प्रसव पीड़ा देख आंखें भर आती हैं। भावनाओं के ज्वार में बहनेवाली और सभी प्राणियों के प्रति गहरी संवेदनाओं का जज्बा रखनेवाली कोमल हृदय की आराधना की कुछ कर गुजरने की इच्छाशक्ति उतनी ही प्रबल है। समर्पण, लगन और ईमानदार परिश्रम से वह अपने ख्वाबों को पूरा कर रही हैं। उनकी पहचान इससे जानिए कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री को उनके कर कमलों से सम्मानित करा पूरा स्टेट गौरवान्वित अनुभव करता है।
आराधना के पति कौशल किशोर कहते हैं कि उन्हें उनकी पत्नी पर गर्व है। जब कोई कहता कि आप आराधना के पति हैं, तो सीना चौड़ा हो जाता है। आराधना के माता-पिता भी इसी बात की वकालत करते हैं। जिंदगी में अनगिनत सम्मान हासिल करनेवाली आराधना के जीवन का यही फलसफा से कि इक रास्ता है जिंदगी, जो थम गए तो कुछ नहीं, ये कदम किसी मुकाम पे, जो थम गए तो कुछ नहीं….।
ये भी पढ़िए……..
बलरामपुर : विशाल किसान सम्मेलन व कुदरगढ़ी कोल्ड स्टोरेज के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए मंत्री नेताम