हजारीबाग। विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के कुलपति प्रोफेसर डाॅ दिनेश कुमार सिंह ने सोमवार को कैंपस डेवलपमेंट प्रोग्राम के बारे में दी विस्तार से जानकारी दी। आर्यभट्ट सभागार में आयोजित मीडिया टाॅक में उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के हित की रक्षा के लिए यूनिवर्सिटी होता है। यहां शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों के हितों का भी ख्याल रखा जाता है। कैंपस डेवलपमेंट प्रोग्राम के माध्यम से उनका प्रयास है कि इस पर सभी वर्ग के बुद्धिजीवियों का सुझाव और सलाह आए। इसमें एकेडमिक, खेल, संसाधन, सुविधाओं से लेकर परिसर सौंदर्यीकरण आदि समाहित हैं।
नेक सलाह और सुझाव में कैंपस के अलावा शहरवासियों और मीडिया को भी शामिल किया गया है। छनकर आए विचारों पर विभावि में गठित कमेटी समीक्षोपरांत उसे आनरिकार्ड लाया जाएगा और विश्वविद्यालय के विकास की पहल में उन सलाह और सुझावों पर गंभीरता से पहल की जाएगी। इसके लिए उनकी अध्यक्षता में विश्वविद्यालय में हाई लेवल कमेटी बनाई गई है। इसके को-आर्डिनेटर पीजी अर्थशास्त्र विभाग के डाॅ उमेंद्र सिंह बनाए गए हैं।
देश के सबसे बड़े कैंपस पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी उत्तराखंड में काम कर चुके डाॅ दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिए वह वर्षाजल का सदुपयोग कर पूरे कैंपस के पेड़-पौधों तक पानी पहुंचा हरियाली लायी जाएगी। शिक्षा को किसानों से कनेक्ट करने की कवायद की जाएगी। विश्वस्तरीय योजना के तहत इजरायल की तर्ज पर कृषि के विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। नीलांबर-पीतांबर यूनिवर्सिटी मेदिनीनगर में भी इजरायल तकनीक अपना कृषि को बढ़ावा देने की योजना है। इसके लिए सरकार से 20 एकड़ जमीन की मांग की गई है। इससे शोध को भी बढ़ावा मिलेगा।
इजरायल, रोमानिया समेत विभिन्न देशों के शिक्षण संस्थानों का ढाई दशक से अधिक का अनुभव रखनेवाले प्रोफेसर डाॅ दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों के सेल्फ स्टैंड के लिए कुछ स्पेशल ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शुरू करने की योजना है। मकसद विद्यार्थियों को सिर्फ पढ़ाना नहीं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और मुकाम तक पहुंचाना है। साथ ही विश्वविद्यालय की अपनी एक अलग पहचान बने और कैंपस आकर्षक लगे इस दिशा में काम करना है।
इससे पहले कैंपस डेवलपमेंट प्रोग्राम के को-आर्डिनेटर अर्थशास्त्र विभाग के प्राध्यापक डाॅ उमेंद्र सिंह ने कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट तैयार करने के लिए 20 दिनों की मैहलत दी गई है। रजिस्ट्रार के वाट्सएप या लिखित सुझाव और सलाह दिया जा सकता है। मंच संचालन विनोबा भावे विश्वविद्यालय के सांसद प्रतिनिधि और राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ सुकल्याण मोइत्रा ने किया। उन्होंने आर्यभट्ट सभागार में कुलपति का स्वागत और प्रेस-वार्ता के बाद धन्यवाद ज्ञापन भी किया।
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