कानपूर, ऑफबीट संवाददाता : कानपुर का करौली सरकार आश्रम इन दिनों चर्चा में है। आश्रम के बाबा संतोष सिंह भदौरिया पर उंगली उठ रही है। आश्रम से एक के बाद एक कई वीडियो भी सामने आए हैं। कुछ लोगों का कहना है कि बाबा कोई चमत्कार नहीं करते। यह सब नोएडा के डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी के बाबा को कठघरे में खड़ा करने के बाद से शुरू हुआ।
मगर, इसके बावजूद बाबा संतोष सिंह भदौरिया ने पूजा-पाठ की फीस बढ़ा दी है। यह फीस अब डेढ़ लाख रुपए की जगह 2.50 लाख कर दी गई है। वहीं, आश्रम में मीडिया की एंट्री पर भी कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। अब कोई पत्रकार बिना बाबा की इजाजत के सीधे आश्रम में नहीं घुस सकता है। यह सब एक अप्रैल से लागू किया जाएगा। यह घोषणा आश्रम के मीडिया प्रभारी अनिल यादव ने की है।
भक्तों की लंबी वेटिंग और भीड़ के चलते बढ़ाई गई फीस
करौली सरकार आश्रम को लेकर भले ही पूजा-पाठ के नाम पर 1.51 लाख रुपए फीस पर बखेड़ा खड़ा हुआ था। लेकिन बाबा संतोष सिंह भदौरिया ने इन सभी बातों की परवाह किए बगैर रविवार को फीस बढ़ाने की घोषणा की है। उनका कहना है कि यूपी से लेकर कई राज्यों और देश विदेश के भक्तों की इतनी लंबी वेटिंग है कि वह पूजा नहीं करा पा रहे हैं। इसके चलते फीस बढ़ाई गई है।
बाबा के आश्रम में रोजाना सैकड़ों लोग लाखों का पैकेज लेकर पूजा-पाठ कराने आते हैं। इसके चलते बाबा को रोजाना करोड़ों रुपए की आमदनी हो रही है। इसके चलते बाबा ने कम समय में ही देश के दिग्गज बाबाओं को भी कमाई के मामले में पीछे छोड़ दिया है। मौजूदा समय में करौली सरकार सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले बाबा खुद को होने का दावा करते हैं।
बाबा संतोष सिंह भदौरिया ने मीडिया से बनाई दूरी
करौली सरकार के बाबा संतोष सिंह भदौरिया नोएडा के डॉक्टर से मारपीट की FIR दर्ज होने के बाद चर्चा में आए थे। इसके बाद ही लोगों को कानपुर के करौली सरकार आश्रम में चल रही गतिविधियों के बारे में जानकारी हुई थी। दरबार में सीधे पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही अब बाबा के बगैर अनुमति के कोई भी मिल नहीं सकता है।
रोजाना करोड़ों की कमाई का गणित
- आश्रम में आने के बाद सबसे पहले 100 रुपए में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके बाद 100 रुपए बंधन का चार्ज लगता है। बंधन यानी कमर पर सफेद धागा बांध दिया जाता है। इसे हर तीन महीने में रिन्यू भी कराना होता है।
- इसके बाद 100-100 रुपए की दो अर्जियां दोनों दरबार के लिए लगती हैं। साथ ही उन्हें 8वें और 9वें दिन के हवन में शामिल होना होता है। इसके लिए करीब 6200 रुपए लगते हैं। यानी यहां आने वाले हर शख्स को कम से कम 6600 रुपए तो खर्च करने ही होंगे।
अभी तक अगर एक दिन में इलाज कराना है, तो 1.51 लाख का आता था खर्च
- ये तो आश्रम तक पहुंचने की बात हो गई। अगर कोई यहां हवन करना चाहता है, तो मैं उसका भी गणित बता देता हूं। आश्रम की तरफ से 3500 रुपए का एक हवन किट मिलता है।
- आपको कम से कम 9 हवन करने ही होंगे। यानी हर दिन के लिए एक किट खरीदनी होगी। जिसका खर्च 31,500 रुपए आएगा। अगर आप 9 दिनों तक आश्रम में रुकते हैं और खाना-पीना करते हैं तो उसका खर्च अलग से।
- जो लोग हवन नहीं करना चाहते, वे अर्जी लगाने के बाद लौट जाते हैं। इसे नमन प्रक्रिया कहा जाता है।
- यह खर्च व्यक्तिगत है। अगर आप परिवार के साथ आते हैं तो हर सदस्य के लिए रजिस्ट्रेशन, बंधन और अर्जियां लगेंगी।
- जो लोग 9 दिन हवन नहीं कर सकते या जिन्हें जल्दी इलाज चाहिए। उनके लिए एक दिन का भी विकल्प है। इसका खर्च 1.51 लाख रुपए तक आता है। इसमें हवन के साथ कई पंडित मिलकर रुद्राभिषेक और पूजा-पाठ कराते हैं।
- मंदिर परिसर में शिवलिंग भी है। बाबा खुद को शिव भक्त बताते हैं। जो लोग एक दिन में इलाज चाहते हैं। उन्हें यहां अभिषेक करना होता है।
- बाबा ब्लैक मैजिक यानी काला जादू से भी छुटकारा दिलाने का दावा करते हैं। इसके लिए 2100 रुपए फीस देनी होती है। इसके अलावा वे आरोग्य हवन भी कराते हैं। इसके लिए 21 हजार रुपए लगते हैं।
- अलग-अलग लोगों से बात करने सामने आया कि यहां हर परिवार एक से डेढ़ लाख रुपए खर्च कर ही देता है। इस तरह अगर बाबा के दरबार के एक दिन का हिसाब-किताब करें तो करोड़ रुपए का आंकड़ा आसानी से पार हो जाएगा।
ये भी पढ़िए…..