हजारीबाग। गौतम बुद्ध शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय मुकुंदगंज हजारीबाग में शनिवार को दो दिवसीय आंतरिक सेमिनार का समापन हो गया। समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि जिला मत्स्य पदाधिकारी सह प्रभारी पदाधिकारी विधि शाखा प्रदीप कुमार ने रीसेंट रिफॉर्म इन ज्यूडिशियल सिस्टम पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सशक्त और प्रभावी न्याय के लिए बदलते कानून के बारे में ज्ञान बढ़ाने की जरूरत है। एक जुलाई 2024 के बाद जो भी केस आएंगे, वह नए कानून के मुताबिक दर्ज होंगे और उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई भी होगी। इसके लिए आम नागरिकों को भी कानून से संबंधित किताबें पढ़ने की जरूरत है।
उन्होंने भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए कहा कि अब गंभीर मामलों में गवाहों की सुरक्षा भी सरकार की जिम्मेवारी है। उन्होंने प्राथमिकी दर्ज करने समेत अन्य मुकदमों में बदली धाराओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने त्वरित न्याय और बदलते वक्त व नई तकनीक के कारण कानून में बदलाव की जरूरत महसूस करने की बात कही। उन्होंने प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में प्रशिक्षुओं के सवालों का जवाब दिया और साइबर क्राइम, विभिन्न अपराधों से जुड़ी धाराओं, प्राथमिकी दर्ज कराने और सजा के प्रावधान समेत न्यायिक प्रणाली से जुड़े तमाम नवीनतम पहलुओं की जानकारी दी।
बतौर विशिष्ट अतिथि जिला विधिक प्राधिकार सेवा (डालसा) की ओर से आए सौरभ अंशुल डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल (एलएडीसी) ने इंडियन पैनल कोड के बदले स्वरूप पर विस्तार से अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि नई कानून व्यवस्था के तहत ज्यूडिशियल और पुलिस सिस्टम के साथ सेक्शन में कैसे परिवर्तन हुए हैं। उन्होंने आईपीसी, सीआरपीसी और बीएनएस का अर्थ बताया। वहीं अग्रिम जमानत व हिट एंड रन केस में आए बदलाव के पहलुओं को भी सबके समक्ष रखा। उन्होंने केस डायरी के महत्व से अवगत कराते हुए कहा कि नए कानून में लोक कल्याण से जुड़ाव और बढ़ा है। उन्होंने बताया कि कैसे भारत की सभ्यता-संस्कृति को संजोते हुए उसके साथ कानून के समन्वय स्थापित किया गया है। वहीं रूढ़ीवादी परंपरा को देखते हुए कानून को संशोधित भी किया गया है। उन्होंने वक्त की मांग और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के बढ़ते प्रभाव के कारण कानून में बदलाव लाने की जरूरत बताई।
प्राचार्य डॉ अरविंद कुमार यादव ने आजादी से पूर्व से वर्तमान तक के बदलते कानून और उसके प्रभाव पर प्रकाश डाला। डालसा के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय आंतरिक सेमिनार आईक्यूएसी की ओर से कराया गया। सेमिनार में अतिथियों का स्वागत सह सम्मान प्राचार्य कॉलेज प्रबंधन समिति के सचिव मिथिलेश मिश्र ने किया। इससे पहले अतिथियों ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्पार्चन और दीप प्रज्ज्वलित कर सेमिनार का शुभारंभ किया। धन्यवाद ज्ञापन आईक्यूएसी की को-ऑर्डिनेटर डॉ. बसुंधरा कुमारी और मंच संचालन बीएड की प्रशिक्षु कुमारी श्वेता ने किया। प्रशिक्षुओं ने स्वागत गीत गाया। राष्ट्रीय गान के साथ दो दिवसीय आंतरिक सेमिनार का समापन हुआ। मौके पर सभी सहायक प्राध्यापक, प्रशिक्षु और शिक्षकेत्तरकर्मी मौजूद थे।