हजारीबाग। हजारीबाग सुंदरी राइन मार्केट में 24 जुलाई को रुपए चोरी करते रंगेहाथ पकड़े गए झंडा चौक निवासी आरोपी मो. अल्ताफ को पुलिस ने 25 जुलाई को जेल भेज दिया। बताया जाता है कि इससे आहत पिता मो. वकील ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। आत्महत्या की घटना 25 जुलाई की रात की है और इसे लेकर परिजनों संग मोहल्ले वासियों ने 26 जुलाई की रात करीब दस बजे सदर थाना में जमकर हंगामा किया और आनडयूटी पुलिस पदाधिकारी रमेश हजाम पर पैसे को लेकर प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाते हुए प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया। आवेदन में बताया गया है कि जेल नहीं भेजने के एवज में उससे 25 हजार रुपए मांगे गए थे। पैसे नहीं देने पर दारोगा रमेश हजाम ने युवक को प्रताड़ित किया और दो हजार रुपए लेने के बाद मोबाइल वापस करने की बात आवेदन में कही गई है। थाना में आवेदन मो. वकील के बेटा मो. रुमान ने दिया है।
उसमें उन्होंने कहा है कि उसे पिता ने इसकी जानकारी दी थी और रात करीब नौ बजे वह कमरे में बंद हो गए। बार-बार दरवाजा खोलने के लिए आवाज दी गई, लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। उसके बाद झांक कर देखने पर फांसी लगा लेने की जानकारी मिली और फिर दरवाजा तोड़ कर नीचे उतारा। आनन-फानन में परिजन मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाए, जहां पर चिकित्सकों ने जांच के दौरान मो.वकील को मृत घोषित कर दिया। बताया गया है कि 24 जुलाई को मो. अल्ताफ पिता : मो. वकील झंडा चौक स्थित सुंदरी राइन मार्केट में एक महिला के पर्स से 15 सौ रुपए निकालते रंगेहाथ पकड़ा गया था। महिला के आवेदन पर सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
चोरी की घटना दोपहर तीन बजे की है। पुछताछ में जुर्म स्वीकार करने और उसके पास से बरामद पैसे को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद जेल भेज दिया गया था। बताया गया है कि पुलिस पर जेल नहीं भेजने का दबाव बनाया जा रहा था। परंतु महिला प्राथमिकी पर अड़ी रही। रंगेहाथ पकड़े जाने और पैसे बरामद होने के बाद पुलिस ने भी प्राथमिकी दर्ज करने की बात कही।
जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है : डीएसपी
इस संबंध में डीएसपी अमित कुमार ने बताया कि, मामला संज्ञान में आया है। सुबह पोस्टमार्टम के समय हुए फर्द बयान में इस तरह का बयान नहीं आया था। रात में अचानक हंगामा किया गया और आरोप लगाने के बाद आवेदन दिया गया है। पुलिस हर पहलू और मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
पुलिस की भूमिका की भी हो जांच : संजर मलिक
झारखंड आंदोलनकारी फहीम उद्दीन अहमद उर्फ संजर मलिक ने कहा कि मो.वकील के फांसी लगाने के मामले में गहनता से जांच होनी चाहिए। मो.अल्ताफ के मामले में सदर थाना पुलिस की भूमिका की भी जांच वरीय पुलिस अधिकारी करें। पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए।
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