रामगढ़। दामोदर नदी को प्रदूषण से बचने के लिए शहर के गंदे पानी को फिल्टर किया जाना था। नमामि गंगे योजना के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की योजना जुडको द्वारा पारित की गई थी। लेकिन अब इस योजना पर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों के विरोध के कारण निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा आवंटित जमीन पर ग्रामीण दावेदारी कर रहे है।
जानकारी के अनुसार नालों के प्रदूषित पानी को दामोदर में सीधे तौर पर गिरने से रोकने के लिए यह योजना बनी थी। नदी के दोनों किनारों पर इंटरसेप्शन व डायवर्सन विधि से गंदे पानी को रोक कर पाइप लाइन द्वारा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में ले जाकर शुद्धिकरण करने के बाद दामोदर में वापस छोड़ने की योजना है। इसका काम इनविरो इंफ्रा इंजीनियरिंग कर रही है। दो साल यानी दिसंबर 2025 तक पूरा करना है। इस योजना के तहत शहर के नालियों के पानी से प्रदूषित हो रहे दामोदर का पानी शुद्ध हो जाएगा। एजेंसी को दामोदर के दोनों छोर पर 21 इंटरसेप्शन व डायवर्सन का कार्य करना है। बीच में दोनों किनारो पर चार पंपिंग स्टेशन भी बनेगा।

दामोदर के डाउनस्ट्रीम में एक 23 एमएलडी का सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट गोबरदाहा चट्टान महादेव मंदिर व दूसरा 17 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट सुगिया में प्रस्तावित है। दोनों सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए रामगढ़ एसडीओ व अंचल अधिकारी द्वारा जमीन का आवंटन भी जुडको को कर दिया है। हालांकि ग्रामीणों के विरोध के कारण तीन माह से अभी तक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण का शुरू नहीं हो पाया है। कार्य कर रही एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर रणधीर मिश्रा ने बताया कि अभी तक हमें उक्त दोनों ही स्थान पर जमीन पर कब्जा नहीं मिल पाया है। इसको लेकर उन्होंने मांडू व रामगढ़ के सीओ को पत्र लिखकर आवंटित जमीन पर कार्य शुरू कराने का अनुरोध किया था। इसके बाद रामगढ़ अंचल के अमीन व कर्मचारी 23 एमएलडी गोबरदरहा जमीन की चौहदी बांटने आए तो ग्रामीणों ने ट्रीटमेंट प्लांट को कहीं और स्थानांतरित करने की बात कही। इसके बाद सीओ मांडू के निर्देश पर अमीन और कर्मचारी सुगिया में जमीन आवंटन के लिए गए। वहां भी ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद वापस आ गए।
उन्होंने कहा कि उक्त दोनों ही स्थान पर जमीन सरकारी रिकार्ड में गैरमजरूआ है। लेकिन प्रशासन दोनों ही स्थान पर कार्य शुरू करवाने में अभी तक असफल है। दोनों ही स्थान पर कुछ जमीन माफियाओं द्वारा महिलाओं को आगे कर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न कर रही हैं। मामले काे लेकर गोबरदरहा में एसडीओ, एसडीपीओ व सीओ द्वारा ग्रामीणों को समझाने का भी प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण इसे मानने को तैयार नहीं हैं।
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