खूंटी। कल्याण गुरुकुल के वरीय प्राचार्य किशोर चंद्र मोहंती और रांची के बाल आश्रय शेल्टर होम के प्रयास से एक भटके हुए और अपना सब कुछ भूल चुके एतवा उरांव नामक युवक को नई जिंदगी मिल गई। साथ ही अपने पैरों पर खड़ा होने का साधन भी मिल गया।
24 वर्षीय एतवा उरांव को अपने माता-पिता और भाई-बहनों का नाम तो पता है लेकिन उसे अपने गांव, थाना या जिले की जानकारी नहीं है। वह अपना नाम एतवा उरांव, पिता का नाम छेदू दरांव और माता का नाम रूकमी देवी बताता हैं।
वह बताताा है कि विजय, अजय, बुधु, मनोज, दिलीप उसके भाई हैं। एसकी एक छोटी बहन भी है। वरीय प्राचार्य मोहंती के प्रयास से एतवा उरांव ने कल्याण गुरुकुल खूंटी में न सिर्फसेंटरिग और करार्पेंट्री का प्रशिक्षण लिया, बल्कि दिल्ली के शोभा लिमिटेड में नौकरी भी मिल गई।
एतवा सोमवार को गुरुकुल में आयोजित एक सादे समारोह में शोभा कंपनी में नौकरी पाने वाले गुरुकुल के अन्य 25 छात्रों के साथ अपने कार्यस्थल के लिए रवाना हुआ। भाई की प्रताड़ना के कारण घर छोड़कर भाग गया था। एतवा ने बताया कि वह तीसरी कक्षा तक पढ़ा है। वह आगे पढ़ना चाहता था लेकिन पिता उसे घर का काम कराते थे।
कुछ दिनों तक वह अपने बड़े भाई विजय के साथ रहने लगा लेकिन मारपीट किये जाने से वह घर छोड़कर भाग गया और किसी ट्रेन में सवार होकर किसी स्टेशन तक गया और वहीं एक होटल में काम करने लगा। वहां भी उसे प्रताड़ित किया जाने लगा, तो किसी तरह वह भाग कर रांची पहुंचा। रांची ओवर ब्रिज के पास पुलिस ने उसे पकड़कर बाल आश्रय शेल्टर होम को सौंप दिया।
एतवा 2016 से ही बाल आश्रय शेल्टर होम में रहने लगा। वहीं के पते से उसका आधाार कार्ड बनाया गया। कल्याण गुरुकुल के सीनियर प्रिंसिपल मोहंती ने बताया कि कुछ माह पूर्व शेल्टर होम सें उनकें एक दोस्त ने एतवा उरांव की जानकारी दी और उनसे लड़के का भविष्य सुधारने का आग्रह किया। प्राचार्य ने कल्याणा गुरुकुल के 65वें बैच में एतवा उरांव का नामांकन कराया, जहां उसने सिंटरिंग और करपेंट्री का प्रशिक्षण लिया।
प्राचार्य ने बताया कि जिस समय एतवा उरांव गुरुकुल आया था, उस समय वह कुछ बोलता तक नहीं था। मोहंती ने बताया कि उनके प्रयास से लड़के का पैनन कार्ड भी बना दिया गया है। प्राचार्य ने अपनी ओर से उसे एक मोबाइल भी दिया है।
एतवा ने खुशी-खुश बताया कि अब वह महीने 20 हजार रुपये से अधिक कमाएगा। वरीय प्राचार्य केसी मोहंती ने लोगों से अपील की है कि यदि कोई लड़के को पहचानता है तो, उसके माता-पिता और भाइयों को इसकी जानकारी जरूर दे दें, ताकि वह अपने घरवालों से मिल सके।
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