रामानुजगंज, अनिल गुप्ता: पिछले 21 मार्च की रात नगर के एक बहुत चर्चित शासकीय छात्रावास से रात के एक से दो बजे के बीच किसी छात्रा का गायब हो जाना समझ से परे है. आखिर इतनी रात को बगैर दरवाजा खोलें कैसे गायब हो गई नाबालिक छात्रा इस संबंध में जब छात्रावास के अधीक्षक मैडम से बात की गई. पहले तो उन्होंने कहां की जो भी बात करनी है मैं थाने में रिपोर्ट दर्ज करा चुकी हूं आप वहां से सूचना ले सकते हैं. मैं उसी दिन घटना की सूचना थाना रामानुजगंज में दर्ज करा चुकी हूं. आगे उन्होंने पूछने पर बताया छात्रावास में एक महिला गार्ड भी है जो छात्राओं के साथ ही सोती है. घटना के दिन रात के 11:30 बजे तक छात्राएं गार्ड से बात कर रही थी. इसके बाद रात के 1:00 से 2:00 के बीच छात्रा हॉस्टल से गायब हो गई.
अधीक्षक मैडम का यह कहना कि छात्रा छात्रावास के छत से निकलकर भागी हो क्योंकि छात्रावास का ताला हमेशा बंद रहता है. इस संबंध में घटना के दिन ड्यूटी पर तैनात गार्ड से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने मोबाइल नहीं उठाया. इस मामले में सोचने वाली बात यह है कि शासकीय छात्रावास से नाबालिग छात्रा का देर रात निकलकर भाग जाना सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठता है. इसके बाद इस मामले में थाना रामानुजगंज द्वारा छात्रा को बहला-फुसलाकर भगाने वाले युवक अरुण पुरी पिता अजय पुरी उम्र 19 वर्ष निवासी वार्ड क्रमांक 5 रामानुजगंज के विरुद्ध छात्रा को बहला-फुसलाकर देर रात अंबिकापुर ले जाकर शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में भारतीय दंड विधान की धारा 363, 366, 376 एवं पोक्सो एक्ट की धारा 4 ,6 के तहत आरोप पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया. जहां से उसे न्यायालय के आदेशानुसार जेल भेज दिया गया. इस मामले में तमाम समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित भी किया गया पर इसमें शासन-प्रशासन और अधिकारी अभी तक खामोशी साधे हुए हैं.
पुलिस थाना रामानुजगंज के थाना प्रभारी संतराम आयाम ने तो अपना काम गंभीरता से निभाया पर जिले के जिला शिक्षा अधिकारी या विकासखंड शिक्षा अधिकारी को पता करना चाहिए था छात्रा किन हालातों में कैसे छात्रावास से निकलकर चली गई और किसी को पता भी नहीं चला ,वहां उपस्थित महिला गार्ड जिसकी रात में ड्यूटी लगती है और ड्यूटी के दौरान क्या कर रही थी कि उसे पता नहीं चल पाया छात्रा लापता हो गई.
छात्राओं की सुरक्षा भगवन के भरोसे
शासन के उस नामी गिरामी छात्रावास से ग्यारहवीं क्लास की नाबालिक छात्रा कायो देर रात बाहर निकल कर चले जाना और किसी को कानों कान खबर भी नहीं हुआ यह बात समझ से परे है. छात्रावास में सीसीटीवी लगा हुआ है मगर किसी भी अधिकारी ने सीसीटीवी खुलवा कर देखने की जहमत तक नहीं उठाई. छात्रा आखिर किसकी लापरवाही से यहां से भागने में कामयाब रही. ऐसे में छात्रावास में रामानुजगंज के आसपास क्षेत्र के लगभग 200 छात्राएं रहती है क्या अधिकारी को यह नहीं चाहिए था कि छात्रावास पहुंचकर जांच की जाए और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए पर सोए हुए अधिकारियों को कौन जगाए. वैसे हमारे जिले के अधिकारी रामानुजगंज कार्यालय में ही कम आते हैं और अपना सारा काम कहीं और से निपटाते हैं, तो वे इतनी छोटी सी बात के लिए क्यों आने की जहमत उठाएंगे. जिसकी लड़की के साथ घटना हुई यह तो उसकी समस्या है. आधिकारिक रूप से अधिकारी की कोई जिम्मेदारी बनती है या नहीं इस बात को जिले के कलेक्टर साहब को सोचना होगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी केएल महिलाए से जब बात की गई, तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मुझे इस घटना क्या कोई जानकारी नहीं है, मैं पता करवा रहा हूं आपने जैसे ही हमको बताया हमने पता किया तो किसी ने मुझे इस बात पर जानकारी नहीं दी जब हमारे संवाददाता द्वारा यह पूछा गया कि इस घटना का समाचार पत्रों में एक-दो दिन तक छपा है आप समाचार पत्र नहीं पढ़ते हैं क्या? तो अधिकारी ने कहा कि पढ़ता हूं पर कितना समाचार पढ सकता हूं वैसे मैं गया नहीं हूं जाऊंगा तो पता कर लूंगा. इस मामले में विकासखंड शिक्षा अधिकारी कुशवाहा ने कहा कि अगर ऐसा है तो बहुत ही शर्मनाक घटना है इसमें कार्यवाही होनी चाहिए.
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