खूंटी। भाजपा ने खूंटी और तोरपा से अपने उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतार दिया है, पर इंडी गठबंधन की ओर से न तो उम्मीदवार की घोषणा हुई है और न ही इस बात का खुलासा हो सका है कि इन दोनों क्षेत्रों में कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारेगी या ये दोनों सीटें झामुमो के खाते में जायेगी।
इसको लेकर हाईलेवल सस्पेंस बरकरार है। दोनों विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ एक ही चर्चा थी कि खूंटी में भाजपा प्रत्याशी नीलकंठ सिंह मुंडा और तोरपा में कोचे मुंडा के खिलाफ विपक्ष का उम्मीदवार कौन हो सकता है। चुनाव के इस मौसम में हर खेत्रों में तथाकथित राजनीतिक जानकारों की बाढ़ सी आ गई है। हर कोई अपने-अपने तरीके से अपनी बात को सही साबित करने में लगा है। जितने मुह उतनी बातें को सबित करते हुए कांगेस समर्थक दावा कर रहे हैं कि तोरपा सीट से कांग्रेस अपना प्रत्याशी देगी और खूंटी सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा के खाते में जाएगी।
कांग्रेस के समर्थक तो यहा तक दावा कर रहे हैं कि तोरपा सीट से कांगेस के पूर्व सांसद प्रदीव बलमुचू को उम्मदीवार बनाया जा सकता है। वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थकों का कहना है कि झामुमो किसी कीमत पर तोरपा सीट पर अपना दावा नहीं छोड़ेगी। झामुमो के एक नेता ने कहा कि पूरे झारखंड में झामुमो के लिए सबसे सुरक्षित और नितश्चत जीत वाली कोई सीट है, तो वह तोरपा ही है। कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बाद में उनकी पत्नी विधायक कल्पना सोरेन ने सभा को संबोधित कर कार्यकर्ताओं की हौसला आफजाई की थी। चाहे भाजपा के खिलाफ उम्मीदवार कोई भी उतरे, पर इतना तय कि इस बार का चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प होगा। कुछ अन्य राजनीतिक दलों और निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी जंग को और रोचक बना सकते हैं।
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