रांची : झारखंड में नियोजन नीति के विरोध में छात्रों ने आज उग्र प्रदर्शन किया. पुलिस ने छात्रों को जगन्नाथ मंदिर के पास रोकने की कोशिश की लेकिन जगन्नाथपुर मंदिर के पास बैरिकेडिंग के बगल से निकलते हुए खेत वाले रास्ते से छात्र विधानसभा तक पहुंचने की कोशिश करने लगे. इस दौरान छात्रों पर पुलिस ने बल का प्रयोग किया, आंसू गैस के गोले भी छोड़े. छात्र नेता जयराम महतो को पुलिस ने हिरासत में लिया है. झारखंड यूथ एशोसिएशन, झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के बैनर तले राज्य भर के युवा विधानसभा का घेराव करने पहुंचे थे.
नियोजन नीति में कमियां आरक्षण रोस्टर में गड़बड़ी, 60- 40 नाय चल तो के नारे के साथ राज्य के विभिन्न जिले से आये छात्रों ने विधानसभा का घेराव करने पहुंचे थे. पुलिस प्रशासन की ओर से उन्हें जगन्नाथपुर मंदिर के पास बैरिकेडिंग कर रोका गया लेकिन छात्र खेत से होकर विधानसभा की तरफ बढ़ रहे थे, छात्रों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गये हैं.
पुलिस ने बल का भी प्रयोग किया है. छात्र उग्र आंदोलन के मूड में है वह विधानसभा तक पहुंचने की हर कोशिश कर रहे हैं, छात्र नेता का प्रतिनिधित्व कर रहे देवेंद्र नाथ महतो बैरिकेडिंग पर चढ़कर उसे पार करने की कोशिश कर रहे हैं वहीं से युवाओं को संबोधित करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. लगभग 500 की संख्या में युवा हैं जो विधानसभा घेरने पहुंचे. पुलिस प्रशासन की ओर से पहले से वाटर कैनन और सुरक्षा बल तैनात थे.
अब समझते है क्यों छात्र कर रहे है आंदोलन
राज्य सरकार की ओर से नौकरी देने की बात कह, अब तक मुकम्मल निर्णय नहीं लिए जाने से राज्य के युवा नाराज हैं. उनका कहना है कि जिस सरकार ने पांच लाख नियुक्तियां करने की बात कही थी, वह नियोजन नीति तक स्पष्ट नहीं कर सकी है. सरकार ने जो नियोजन नीति बनायी, उसे कोर्ट ने रद्द कर दिया। फिर जो नियोजन नीति सामने है, उसमें विसंगतियां हैं. वर्तमान की नियोजन नीति में राज्य के युवाओं के भविष्य की सुनिश्चितता नहीं है. वहीं बीते दो दिनों में जो वेकेंसी निकाली है, उसमें भी कई तरह की गड़बड़ियां हैं. राज्य सरकार ने जिलावार आरक्षण रोस्टर जारी किया है. उसमें भी विसंगतियां हैं. ऐसे में युवा आंदोलन का रास्त अपना कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाना चाह रहे हैं.
सीएम हाउस घेराव का लिया था निर्णय
आज के विधानसभा घेराव से पहले 20 मार्च को सीएम हाउस घेराव की रणनीति थी. लेकिन सरकार व प्रशासन के आग्रह पर एक दिन पूर्व ही मंत्री आलमगीर आलम व छात्र नेताओं की सकारात्मक वार्ता से आंदोलन को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया था. पर 20 मार्च को ही जिलावार आरक्षण रोस्टर व 21 मार्च को सहायक प्रयोगशाला परीक्षा की वैकेंसी निकाल दी गयी. जिसमें कई गड़गड़ी व अनियमिता स्पष्ट रूप से दिखाई दी. इसमें दिख रही गड़बड़ियों की वजह से राज्य के छात्र आक्रोशित हो गए. राज्य के विभिन्न जिलों में युवाओं ने 22 मार्च को जिलावार सरकार का पुतला दहन किया। आज उन्होंने विधानसभा घेराव की घोषणा की थी. झारखण्ड यूथ एशोसिएशन के इमाम सफी व राजेश ओझा ने आंदोलन से संबंधित तमाम जानकारियां दीं.
झारखंड हाईकोर्ट ने असंवैधानिक बता नियोजन नीति किया था रद्द
हेमंत सोरेन की सरकार में बनी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली-2021’ को 16 दिसंबर 2022 को झारखंड हाईकोर्ट ने असंवैधानिक बताते हुए निरस्त कर दिया. कहा कि यह नियमावली भारतीय संविधान के अनुच्छेद-14 व 16 के प्रावधानों का उल्लंघन है. सरकार की यह नियमावली संवैधानिक प्रावधानों पर खरी नहीं उतरती है, इसलिए इसे निरस्त किया जाता है.
पढ़िए क्या था नियमावली में प्रावधान
राज्य सरकार ने गजट नोटिफिकेशन संख्या-3849/दिनांक 10.8.2021 के माध्यम से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली-2021 लागू की थी. इस संशोधित नियमावली में कहा गया था कि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को झारखंड के मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से मैट्रिक व इंटर उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा तथा अभ्यर्थी को स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा व परिवेश की जानकारी रखना अनिवार्य होगा, लेकिन झारखंड राज्य के आरक्षण नीति से अच्छादित अभ्यर्थियों के मामले में इस प्रावधान को शिथिल कर दिया गया था. नियमावली में हिंदी व अंग्रेजी को भाषा की सूची से बाहर कर दिया गया था तथा उर्दू को क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा की सूची में शामिल किया गया था.
विधानसभा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील
अभी झारखंड विधानसभा का सत्र चल रहा है. युवाओं के आंदोलन को देखते हुए विधानसभा के आसपास काफी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं. लगभग 500 की संख्या में युवा हैं जो विधानसभा घेरने पहुंचे.
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