रांची। झारखंड की राजधानी रांची में सर्व सनातन समाज के नेतृत्व में विभिन्न सामाजिक संगठनों के हजारों लोगों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार और उनके मानवाधिकार हनन के खिलाफ मोरहाबादी मैदान से फिरायालाल होते हुए राज्यपाल भवन तक आक्रोश मार्च निकाला। इसके बाद मार्च राजभवन में समक्ष धरना में तब्दील हो गया। कार्यक्रम का संचालन विजय कुमार ने किया।
आक्रोश सभा को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता सोमा उरांव ने कहा कि आज हम सब बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं को समर्थन देने के लिए एकजुट हुए हैं। साथ ही आज मांग करते हैं कि जेहादियों पर कड़ी करवाई हो। उन्होंने कहा कि आज जो स्थिति बांग्लादेश में है यदि हिन्दू समाज नहीं जागा तो झारखंड में भी वह स्थिति बहुत जल्द होगी। विश्व हिंदू परिषद के प्रान्त मंत्री मिथलेश्वर मिश्र ने कहा कि बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार को देखकर वेदना होती है। इससे हम सभी आक्रोशित हैं। हिन्दू समाज बसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास करने वाला संप्रदाय है। हम सभी अहिंसा के पुजारी हैं लेकिन जब हमे उकसाया जाता है तो हम इसका विरोध करते हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता बिनोद गाडयान ने कहा कि दुनियाभर के देशों ने बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार का विरोध किया है। उन्होंने पूरी दुनिया से मांग करते हुए कहा कि बांग्लादेश में हो रहे मानवाधिकार हनन के खिलाफ पूरी दुनिया आवाज उठाये। राजेन्द्र कृष्ण ने कहा कि बांग्लादेश के अस्तित्व भारत के कारण है लेकिन वहां हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। यह बेहद अफसोसजनक है। विश्व मानवाधिकार आयोग से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार को जल्द से जल्द समाप्त किया जाए।
इस्कॉन के सदस्य प्रकाश ने हिंदुओं को जागने का आह्वान किया और बांग्लादेश में हो रहे क्रूरता के खिलाफ एकजुट होने पर बल दिया। विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री याज्ञवल्कय शुक्ल ने कहा कि बांग्लादेश के उदय में लाखों भारतीयों ने अपनी शहादत दी थी। आज उनके साथ अत्याचार हो रहा है। आज बांग्लादेश में एक विचार पनप गया है कि जिसकी आबादी ज्यादा होगी वह कम आबादी वाले समाज के लोगों को जिंदा रहने नहीं देंगे। भारत एक संवेदनशील देश है। दुनिया में जहां कहीं भी लोगों के साथ अत्याचार होता है भारत अत्याचार के खिलाफ उनके साथ खड़ा होता है।
दूसरी ओर, सर्व सनातन समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हस्तक्षेप और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई। प्रतिनिधिमंडल में भूतेशानन्द, सरदार बिक्रम सिंह, पवन लामा, बिनोद जैन, स्वामी परिपूर्णानंद, बिनोद जालान, राकेश लाल, पवन मंत्री, शेखर चौधरी, रवि मुंडा,बिनोद गाडयान, प्रशुन रायपत, सुनीता गुप्ता सहित अन्य शामिल थे
प्रदर्शन और रैली
रैली के प्रतिभागियों ने नारे लगाते हुए बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि मानवाधिकारों का उल्लंघन तुरंत रोका जाए।
सभी धर्मों की सहभागिता
इस आयोजन में हिंदू, सिख, जैन, और सनातनी समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। सभी धर्मों के प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर मानवता और न्याय के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद की।
जागरुकता अभियान
रैली के दौरान लोगों को बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की दुर्दशा के बारे में जागरूक किया गया और उन्हें इस आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया गया।
इन संगठनों के लोग हुए शामिल
चिन्मय मिशन अखिल भारतीय संत समाज समिति, मेन रोड गुरुद्वारा, श्वेताम्बर जैन समाज, बौद्ध समाज, आदिवासी समाज, बंगाली एसोसिएशन, जनजाति विकास परिषद, विद्यार्थी परिषद, विश्व हिंदू परिषद, एकल विद्यालय और वनवासी कल्याण केंद्र।
ये भी पढ़िए…………