अंबिकापुर, ऑन. संवाददाता। आदिवासी अंचल सरगुजा में भी अब हृदय रोगियों के लिए पेसमेकर लगाने की सुविधा उपलब्ध है। संजीवनी फ्रैक्चर एंड आई केयर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में चिकित्सकों ने हृदय रोग के मरीज को पेसमेकर लगाने में सफलता हासिल की है। मरीज को अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था।
संभवतः यह संभाग का पहला मामला होगा जब मरीज को सीआर्म पेसमेकर चिकित्सकों द्वारा सफलतापूर्वक लगाया गया है और चिकित्सकीय निगरानी के बाद अब मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर घर चला गया है।
बलरामपुर जिले के कुसमी निवासी रघुवंश प्रसाद यादव को हृदय रोग की बीमारी थी और उनकी धड़कन धीमी होने के साथ साथ बार बार चक्कर आने की समस्या हो रही थी। ऐसे में परिजन उनका उपचार रांची में करा रहे थे लेकिन रांची में उपचार के बाद भी उनकी हालत गंभीर हो गई और आनन फानन में परिजन मरीज को लेकर संभाग मुख्यालय के संजीवनी फ्रैक्चर एंड आई केयर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल पहुंचे थे।
अस्पताल में मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए अस्पताल में पदस्थ डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अभिजीत प्रसाद ने मरीज का ऑपरेशन कर पेसमेकर लगाने का निर्णय लिया लेकिन सरगुजा में यह सुविधा नहीं होने के कारण उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
बनारस बीएचयू के विशेषज्ञों से ली गई मदद
डॉ. अभिजीत ने बताया कि मरीज को गंभीर स्थिति में लाया गया था और सरगुजा में पेसमेकर की सुविधा नहीं थी इसके बाद भी समय पर उपचार कर बनारस बीएचयू के विशेषज्ञों की मदद ली गई और डॉक्टरों की टीम ने मरीज का ऑपरेशन किया।
मरीज को लगाया गया सीआर्म पेसमेकर
उन्होंने बताया कि आम तौर पर ऐसे मरीजों को बाहर ले जाना काफी मुश्किल होता है क्योंकि समय पर उपचार नहीं मिलने से मरीज की जान को खतरा रहता है और अब स्थानीय स्तर पर ही यह सुविधा लोगों को मिल रही है। संभवतः पहली बार किसी हृदय रोग के मरीज को सीआर्म पेसमेकर लगाया गया है।
कार्डियक अरेस्ट के बाद सीपीआर देकर बचाई गई मरीज की जान
टीम में शामिल चिकित्सक डॉ. रुपेश ने बताया कि आम तौर पर पेसमेकर लगाने के लिए चिकित्सकों द्वारा पहले से तैयारी की जाती है लेकिन इस केस में मरीज को कार्डियक अरेस्ट हुआ था और उसके दिल की धड़कन रुक गई थी ऐसे में सीपीआर देकर दिल की धड़कन वापस लाइ गई और फिर मरीज को सामान्य स्थिति में करने के बाद उसका ऑपरेशन किया गया।
सरगुजा अंचल की सबसे बड़ी उपलब्धि
अस्पताल प्रबंधन से जुड़े डॉ. विकास अग्रवाल ने कहा कि यह सरगुजा अंचल की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि अब यहां डीएम कार्डियोलॉजिस्ट उपलब्ध है और हृदय रोग के गंभीर मरीजों का उपचार हो रहा है। मरीज को मरणासन स्थिति में लाया गया था और यह हर्ष का विषय है कि अब मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
अब जानिए क्या है पेसमेकर मशीन
हमारे शरीर में एक नेचुरल पेसमेकर होता है जिसका काम होता है दिल को बताना कि कब उसको धड़कना है। जिस तरह किसी भी गाड़ी में एक फ्यूल सप्लाई और इलेक्ट्रिकल सप्लाई होती है या घरों में पानी और बिजली की सप्लाई होती है, ठीक उसी तरह दिल में भी खून की सप्लाई होती है और एक इलेक्ट्रिकल सिस्टम होता है। ये सिस्टम दिल को सही समय पर बताता है कि कब धड़कना है। ये दिल को 60-90 के बीच में धड़कवाता है।
एक्सरसाइज करते हुए या बुखार में धड़कन अपने आप बढ़ जाती है। कई सारी दिल की ऐसी बीमारियां होती हैं जिनमें इस नेचुरल पेसमेकर पर असर पड़ता है। हार्ट रेट स्लो हो जाता है और दिल उसे बढ़ा नहीं पाता। सबसे आम बीमारी जिसमें पेसमेकर लगता है वो है कोरोनरी आर्टरी डिजीज। इसमें दिल के अंदर ब्लड सप्लाई कम हो जाती है। कई बीमारियों में वॉल्व ख़राब हो जाता है और दिल का नेचुरल पेसमेकर प्रभावित होता है। कई दिल की बीमारियां जन्मजात होती हैं। ऐसी स्थिति में पेसमेकर लगवाने की ज़रूरत पड़ती है। 24 घंटे वाला ईसीजी टेस्ट बता देता है कि पेसमेकर लगवाने की ज़रूरत है या नहीं।
ये भी पढ़िए…..