घाटशिला। स्कूल पहुंचने में शिक्षकों की लेट-लतीफी से निपटने के लिए शिक्षा विभाग ने मॉनिटरिंग की नई व्यवस्था की है। अब वीडियो कॉल से शिक्षकों के आने-जाने पर नजर रखी जाएगी। शिक्षकों काे स्कूल पहुंचकर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों (बीईईओ) को वीडियो कॉल कर दिखाना होगा कि वे उपस्थित हैं।
पूर्वी सिंहभूम की जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) निर्मला बरेलिया ने सभी बीईईओ को इस संबंध में निर्देश जारी किया है कि वे अपने क्षेत्र में प्राथमिक से हाईस्कूल तक शिक्षकों के आने-जाने के समय की मॉनिटरिंग वीडियो कॉल से करें।
अभी स्कूल का समय सुबह नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक है। नए आदेश के तहत सुबह 9 बजे स्कूल के हेडमास्टर को वीडियो कॉल कर यह दिखाना हाेगा कि स्कूल खुला है या नहीं। स्कूल में प्रार्थना करते और क्लास रूम में बैठे बच्चों को भी वीडियो कॉल के जरिए दिखाना हाेगा।
जिला शिक्षा कार्यालय से भी अधिकारी निर्धारित अवधि के बीच किसी भी स्कूल के हेडमास्टर को वीडियो कॉल करेंगे और उन्हें स्कूल की स्थिति दिखानी पड़ेगी। सुबह 9 बजे के बाद अधिकारी किसी भी स्कूल की स्थिति की जानकारी नई व्यवस्था के तहत ले सकेंगे।
बच्चों का टैब से डिजिटल अटेंडेंस बनाना अनिवार्य
नई व्यवस्था के तहत शिक्षकों को 100% अटेंडेंस ई-विद्या वाहिनी के तहत बायोमैट्रिक पर बनाना हाेगा। स्कूल के बच्चाें का भी डिजिटल अटेंडेंस बनेगा। सभी शिक्षकों को इसकी तैयारी करने को कहा गया है।
20 फरवरी से हर हाल में सभी बच्चों का डिजिटल अटेंडेंस बनाना अनिवार्य होगा। जिले में शिक्षकों को इस आशय का निर्देश दिया गया है। यह व्यवस्था इसलिए की गई है कि स्कूल में गलत ढंग से बच्चाें की संख्या ज्यादा न दिखाई जा सके।
प्रयोग सफल रहा ताे दूसरे जिलों में लागू हाे सकती है व्यवस्था
जिला शिक्षा पदाधिकारी निर्मला बरेलिया ने कहा कि निर्धारित समय पर स्कूल नहीं खुलने की शिकायत अक्सर मिलती रहती है। शिक्षकाें के समय पर नहीं पहुंचने और स्कूल नहीं खुलने के कारण बच्चाें की पढ़ाई प्रभावित होती है। इसे देखते हुए मैंने वीडियो कॉल की व्यवस्था लागू की है। अब हेडमास्टर वीडियो कॉल कर दिखाएंगे कि स्कूल खुल गया है।
बच्चे क्लास में हैं या नहीं। शिक्षकों काे भी आने-जाने की बात वीडियो कॉल से बतानी हाेगी। पूर्वी सिंहभूम में इस तरह पहला प्रयोग है, ताकि शिक्षक समय पर स्कूल पहुंचे और समय पर बढ़ाई शुरू हो। प्रयोग सफल रहा तो अन्य जिलों में भी यह व्यवस्था लागू की जा सकती है।
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