बलरामपुर, अनिल गुप्ता: जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड में हाथियों की गर्जना से दर्जनों गांव थरांया रहे हैं. यहां पिछले पांच दिनों से 20 हाथियों का दल दर्जनों गांव के नजदीक जंगल में अपना ठिकाना जमाए हुए है. हाथी शाम ढलते ही गांव में घुसकर उत्पात मचाते हुए लोगों को घरों को तोड़ देते हैं और घर में रखा अनाज चट कर रहे हैं, इसके साथ ही हाथी अब मवेशियों को भी अपना शिकार बना रहे हैं, सोमवार की रात हाथियों ने चार मवेशियों को कुचल कर मार डाला. इससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। वन विभाग के अधिकारियों सहित ग्रामीणों ने बताया कि दल में पांच बच्चे हैं। कुछ हाथी दल से भटककर अलग हो गए हैं.
वही घरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. हाथियों को गांव से दूर भगाने के लिए ग्रामीण शाम ढलते ही आग जलाकर पटाखें फोड़ रहे हैं, लेकिन इसका भी कोई असर उन पर नहीं हो रहा है. वन विभाग का गजराज वाहन भी मौके पर पहुंचकर हाथियों की केवल निगरानी कर रहा है. गांव से दूर भगाने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाया जा रहा है. इससे ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति नाराजगी भी है. हाथियों ने पिछले पांच दिनों में रामचन्द्रपुर, कालिकापुर, बेलभण्डार, हरिहरपुर के जंगलों में डेरा जमाए हुए हैं.
इनके मवेशियों की ली जान
सोमवार रात ग्राम निलकंठपुर में हाथियों ने मकान तोड़ने के साथ वहां बंधे मवेशियों को भी मार दिया है. कटात पारा के देवरूप यादव ने बताया कि रात 12 बजे हाथियों की आवाज आई. उन्होंने बाहर देखा तो पास में लगी गेहूं की फसल को हाथी खा रहे थे. अभी तक हाथियों के हमले से चार से अधिक गायों की मौत हो गई है और कई घायल हो चुके हैं. इसके साथ ही बीती रात तकरीबन 12 बजे ग्राम नीलकंठपुर के सरवन यादव का गाय और भैंस को हाथी ने हमला कर घायल कर दिया.
हाथियों को गांव से दूर करने का प्रावधान नहीं
बलरामपुर के डीएफओ विवेकानंद झा ने कहा कि हाथियों को गांव से दूर करने का कोई प्रावधान नहीं हैं. उन्हें भगाने पर हाथी और भी आक्रामक हो जाते हैं. वहीं, उन्होंने रेंजर के फोन नहीं उठाने के सवाल पर कहा कि मैं देखता हूं.
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