बिलासपुर : बिलासपुर में पुलिस के खिलाफ भड़का आक्रोश शांत नहीं हो रहा है। पिता की पिटाई से दुखी बेटे की मौत के बाद यह आक्रोश भड़का है। आरोप है कि सिपाही ने ही मरने वाले युवक के पिता को पीटा था। दोषी पुलिस वाले पर कार्रवाई की मांग को लेकर आक्रोशित भीड़ सुबह से लेकर देर रात तक थाने के सामने प्रदर्शन करते रही।
वहीं पुलिस अफसरों ने आरोपी सिपाही को लाइन अटैच कर कमेटी बनाकर जांच करने का भरोसा भी दिलाया। लेकिन, भीड़ आरक्षक के खिलाफ FIR और गिरफ्तारी की मांग पर अड़ी रही और देर रात तक थाने के सामने बवाल होता रहा। पूरा मामला बिल्हा थाना क्षेत्र का है, जहां आरक्षक पर प्रताड़ना का आरोप लगा है।
दरअसल, ग्राम भैंसबोड़ निवासी हरीश चंद्र गेंदले (23) के ट्रेन से कटकर आत्महत्या करने के बाद आक्रोशित भीड़ ने मंगलवार बिल्हा थाने का घेराव कर दिया। लोगों का आक्रोश इतना भड़का कि उन्होंने शव का पोस्टमार्टम नहीं होने दिया और थाने के सामने चक्काजाम करते हुए धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों को शाम तक समझाइश देने की कोशिश चलती रही। इस दौरान SSP पारुल माथुर ने आरक्षक रूपलाल चंद्रा को लाइन अटैच करने का आदेश जारी किया और पूरे मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी भी बना दी।
सुबह से लेकर दोपहर और फिर शाम तक आक्रोशित लोग धरना-प्रदर्शन कर हंगामा मचाते रहे। तनाव की स्थिति को देखते हुए शहर और आसपास के थानेदार और जवानों को बिल्हा भेजा गया। लेकिन, भीड़ शांत नहीं हुई। परिजन और समाज के लोग दोषी आरक्षक के खिलाफ FIR, गिरफ्तारी और परिजन को 10 लाख रुपए मुआवजा राशि देने की मांग पर अड़े रहे।
इसलिए पुलिस पर लगा वसूली का आरोप
एक दिन पहले सोमवार को साइकिल सवार छात्रा से हरीश के बाइक की टक्कर हो गई थी। छात्रा ने इसकी शिकायत थाने में कर दी और आरक्षक रूपलाल चंद्रा को लेकर गांव पहुंच गई। हरीशचंद्र घर में नहीं मिला, तो आरक्षक उसके पिता भागीरथी को पिटते हुए थाने लेकर आ गया।
इधर, पिता को पकड़कर ले जाने की जानकारी मिलते ही हरीशचंद्र भी थाने पहुंच गया। हरीशचंद्र के सामने भी आरक्षक ने उसके पिता के साथ मारपीट की, जिससे वह दुखी हो गया और दुखी होकर रात में रेलवे ट्रैक में जाकर ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। बेटे की मौत के बाद पिता भागीरथी ने आरक्षक पर मामले को रफादफा करने के लिए वसूली करने का भी आरोप लगाया है।
पिता का टूट गया पैर, भाई ने छोड़ी पढ़ाई, अकेले परिवार चलाता था हरीश
भागीरथी ने बताया कि उसके छह बच्चों में हरीश सबसे बड़ा और इकलौता कमाने वाला था। दो बेटे और तीन बेटियां छोटी हैं। तीन साल पहले एक्सीडेंट में उसका पैर टूट गया था, तब हरीश के छोटे भाई ओमप्रकाश को पढ़ाई छोड़नी पड़ गई। इसके बाद वह भी रोजी-मजदूरी करने लगा। लेकिन, परिवार की जिम्मेदारी हरीश पर थी।
बेटे को भगाने का आरोप लगाकर की मारपीट
भागीरथी ने बताया कि आरक्षक रूपलाल चंद्रा उसे घर से मारते हुए थाने लेकर आया। उसने बेटे को भगाने का आरोप लगाकर थाने में भी मारपीट की। बाद में बेटे हरीश को इसकी जानकारी हुई, तब वह थाने आ गया। उसके सामने में भी आरक्षक ने उनकी पिटाई की। हरीश का कहना था कि गलती उसकी है तो पिता को पकड़कर थाने क्यों लाया गया और उनकी पिटाई क्यों की गई।
बताया जा रहा है कि युवक सोमवार की शाम अपने घर पहुंचा। इसके बाद देर शात करीब 7 बजे वह बिना बताए घर से निकल गया। इस बीच वह पैदल रेलवे ट्रैक की ओर चला गया और ट्रेन के सामने कूद कर जान दे दी। ट्रेन की चपेट में आकर युवक के कई टुकड़े हो गए। रात करीब 9 बजे परिजन को इस घटना की जानकारी हुई, तब वे घटनास्थल पहुंचे।
पुलिस बोली शराबी तो भड़के ग्रामीण
दरअसल, पूरा मामला उस समय ज्यादा तूल पकड़ा, जब युवक की आत्महत्या करने की खबर पुलिस को मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने मंगलवार की सुबह शव का पंचनामा कार्रवाई शुरू की। इस दौरान पुलिस ने कह दिया कि मरने वाला युवक शराब पीने का आदी था। सोमवार को भी वह शराब के नशे में था। पुलिस की बातों को सुनकर परिजन और गांव वाले आक्रोशित हो गए। उनका कहना था कि पुलिस अपनी लापरवाही छिपाने उनके बेटे को ही शराबी बताने का प्रयास कर रही है।