रांची। राष्ट्रीय जनता दल के आला नेता और चतरा विधायक सत्यानंद भोक्ता चौथी बार कैबिनेट मंत्री बने हैं। हेमंत सरकार में श्रम मंत्री के तौर पर सरकार में अपनी तगड़ी उपस्थिति दर्ज कराकर शुक्रवार को चंपई मंत्रिमंडल का हिस्सा बने हैं। चंपई सोरेन ने उनपर विश्वास जताया है।
सत्यानंद भोक्ता इससे पूर्व दो बार अर्जुन मुंडा सरकार में मंत्री रहे। चतरा से निर्वाचित होने वाले ये पहले विधायक हैं, जिन्हें चार बार मंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। वैसे एकीकृत बिहार में चतरा से निर्वाचित होने वाले विधायक केशव प्रसाद सिंह 46 दिनों के लिए मंत्री बने थे जबकि 1972-73 में कांग्रेस के निर्वाचित विधायक तापेश्वर देव आबकारी राज मंत्री बने। इसके बाद झारखंड राज्य गठन के बाद पहले मंत्री के रूप में सत्यानंद भोक्ता ने शपथ ली।
वर्ष 2004 में तत्कालीन अर्जुन मुंडा सरकार में उन्हें पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री बनाया गया। करीब चार महीने तक वे मंत्री पद रहे थे। इसके बाद विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई। वर्ष 2004 में चुनाव जीतने के बाद अर्जुन मुंडा सरकार में उन्हें दोबारा मंत्री बनाया गया और इस बार उन्हें कृषि एवं गन्ना विकास मंत्रालय की जिम्मेवारी दी गयी।
सत्यानंद भोक्ता ने अपने सियासी सफर की शुरुआत भाजपा से की थी। 2000 और 2004 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट से लड़कर निर्वाचित हुए। इसी बीच 2009 का चुनाव हुआ, जिसमें सत्यानंद भोक्ता सिमरिया से चुनाव लड़े और हार गए। इसके बाद 2014 में भाजपा ने उन्हें चतरा से टिकट नहीं दिया।
इसके बाद उन्होंने भाजपा साथ छोड़कर बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा में शामिल हो गये लेकिन वो चुनाव नहीं जीत पाए। इसी बीच 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले झाविमो छोड़कर सत्यानंद भोक्ता राजद में चले गए। 2019 विधानसभा चुनाव में उन्हें चतरा से टिकट मिला और वो भाजपा उम्मीदवार जनार्दन पासवान को पराजित कर हेमंत सरकार में मंत्री बन गए।
सत्यानंद भोक्ता का जन्म चतरा में सदर प्रखंड के कारी मोकतमा गांव निवासी जगरनाथ भोक्ता के घर हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा भी यहीं से हुई। सत्यानंद भोक्ता एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता जगरनाथ भोक्ता का निधन बहुत पहले हुआ है जबकि उनकी माता का निधन हाल के वर्षों में हुआ है।
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