बलरामपुर-रामानुजगंज। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मकर संक्रांति के त्योहार पर शनिवार को बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में पहुंचे। यहां उन्होंने तातापानी महोत्सव का उद्घाटन किया और पतंग उत्सव में शामिल हुए। सीएम भूपेश ने सबके साथ मिलकर खुद भी पतंग उड़ाई। गर्म पानी के कुंड और झरनों के लिए प्रसिद्ध तातापानी में हर साल मकर संक्रांति के पर्व पर भव्य मेले का आयोजन होता है।
मुख्यमंत्री ने मकर संक्रांति पर्व 2023 का शुभारंभ करते हुए लोगों का अभिवादन स्वीकार किया और उन्हें त्योहार की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने तातापानी में शिव मंदिर प्रांगण में स्थित 12 जोतिर्लिंगों के भी दर्शन किए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया और 1003 करोड़ रुपए के 1,707 कार्यों की सौगात दी।
मुख्यमंत्री तातापानी महोत्सव के सामूहिक विवाह समारोह में भी शामिल हुए और गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने वाले 501 नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया। इनमें विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के भी विवाहित जोड़े शामिल हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा लगाए गए हितग्राही मूलक योजनाओं पर आधारित स्टॉल्स का भी अवलोकन किया।
तातापानी महोत्सव में होंगे रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम
तातापानी में 3 दिवसीय मकर संक्रांति महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। कोरोना महामारी के 2 साल बाद फिर से इसका आयोजन किया जा रहा है। महोत्सव में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ-साथ बलरामपुर जिले की उपलब्धियों को भी बताया जाएगा। इस बार महोत्सव में सरकार की लोक कल्याण योजनाओं से लोगों को अवगत कराया जाएगा। तातापानी महोत्सव का आयोजन 14 से 16 जनवरी तक होना है।
मशहूर सिंगर शान पहुंचेंगे तातापानी महोत्सव में
विभागीय स्टॉल्स भी महोत्सव में लगाए जाएंगे। स्कूली बच्चे यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों को पेश करेंगे, वहीं 15 जनवरी को मशहूर प्लेबैक सिंगर शान यहां अपनी प्रस्तुति देने के लिए आने वाले हैं। 15 जनवरी को ही आयोजन स्थल पर किसान मेला, पंच सरपंच सम्मेलन और स्कूली बच्चों की सांस्कृतिक प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा। वहीं 16 जनवरी को स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों और युवा मितान क्लब का सम्मेलन और स्कूली बच्चों की सांस्कृतिक प्रतियोगिता भी होगी। अन्य आमंत्रित कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे।
गर्म जल स्रोतों के लिए मशहूर है तातापानी
बलरामपुर जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित तातापानी प्राकृतिक रूप से निकलते गर्म पानी के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। यहां के कुंड और झरनों में सालोंभर गरम पानी प्रवाहित होता है। स्थानीय भाषा में ताता का अर्थ होता है गरम। इसी लिए इस स्थल का नाम तातापानी रखा गया है।
तातापानी को लेकर पौराणिक मान्यता
मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने सीता जी की ओर खेल-खेल में पत्थर फेंका, जो उनके हाथ में रखे गरम तेल के कटोरे से जा टकराया। गरम तेल छलक कर धरती पर गिरा और जहां-जहां तेल की बूंदें पड़ीं, वहां से गरम पानी धरती से फूटकर निकलने लगा। स्थानीय लोग यहां की धरती को पवित्र मानते हैं और कहा जाता है कि यहां गरम पानी से स्नान करने से सभी चर्म रोग खत्म हो जाते हैं। यहां के शिव मंदिर में लगभग 400 वर्ष पुरानी मूर्ति भी स्थपित है, जिसकी पूजा करने हर साल लाखों की संख्या में सैलानी यहां आते हैं। इस दौरान यहां विशाल मेला आयोजित किया जाता है।
दो साल बाद तातापानी महोत्सव का आयोजन
बलरामपुर जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल तातापानी में कोरोना महामारी के कारण पिछले 2 सालों से मेले का आयोजन नहीं हो रहा था। 50 सालों से अधिक समय से हो रहे 3 दिवसीय महोत्सव के आयोजन पर कोरोना ने ब्रेक लगा दिया था, जो इस साल से फिर से शुरू किया गया है। 14 जनवरी को तातापानी महोत्सव का सीएम भूपेश बघेल ने शुभारंभ किया। दूसरे दिन कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे मुख्य अतिथि होंगे। बलरामपुर कलेक्टर विजय दयाराम खुद काफी दिनों से तातापानी महोत्सव के भव्य आयोजन की तैयारियों में लगे हुए थे।
इस बार मुख्य आकर्षण का केंद्र पैरासेलिंग और पैरामोटरिंग
इस बार महोत्सव को खास बनाने के लिए मेला स्थल पर हॉट एयर बैलून और मंदिर प्रांगण में स्थित तालाब में बोटिंग व आरागाही एयरस्ट्रिप में पैरासेलिंग, पैरामोटरिंग की व्यवस्था की गई है, जो आकर्षण का मुख्य केंद्र है।
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