बॉलीवुड : मोस्ट अवेटेड फिल्में जब उम्मीदों पर खरी नहीं उतरतीं, तब बड़ी निराशा होती है। यही हाल वरुण धवन और कृति सेनन स्टारर फिल्म ‘भेड़िया’ को लेकर है, जिसका लंबे समय से इंतजार था। ‘भेड़िया’ की गरज बॉक्स ऑफिस पर कितना असर डालेगी यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन फिल्म मनोरंजन से ज्यादा निराश करती है।
कैसी है फिल्म की कहानी?
फिल्म की कहानी दिल्ली में रहने वाले भास्कर (वरुण धवन) की है, जो जीवन की सारी सुख-सुविधा हासिल करने की तमन्ना रखता है। भास्कर, बग्गा (सौरभ शुक्ला) के पास काम करता है।
बग्गा के निर्देश पर भास्कर अपने कजिन जनार्दन (अभिषेक बनर्जी) को साथ लेकर अरुणांचल प्रदेश में आदिवासियों की जमीन और जंगल के पेड़ काटकर सड़क बनाने की योजना बनाकर जाता है।
वहां भास्कर को जोमिन (पॉलिन कबाक) और पांडा (दीपक डोबरियाल) मिलते हैं, जो भास्कर की सड़क बनाने की योजना में आदिवासियों से मीटिंग करवाने से लेकर वहां जगह दिखाने आदि में मदद करते हैं। एक दिन जंगल में भास्कर को भेड़िया काट लेता है। इलाज कराने के लिए जानवर की डॉक्टर अनिका मित्तल (कृति सेनन) के घर जाता है।
इसके बाद कहानी में दिलचस्प मोड़ आता है, जिसका आनंद सिनेमाघर में ही फिल्म देखने पर आएगा कि भास्कर की इतनी बड़ी योजना को साकार रूप देने में क्या चुनौतियां और क्या कठिनाइयां आती हैं, उसका यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पूरा हो पाता है या नहीं आदि-इत्यादि।
क्या है फिल्म का प्लस पॉइंट?
फिल्म के सबसे मजेदार पहलू इसका लोकेशन, VFX है, जो कहानी में जान फूंकते हैं। फिल्म में ट्विस्ट लाने के लिए गुलजार, हिमेश रेशमिया के गाने सहित कुछ पुरानी फिल्मों का जिक्र सुनने-देखने को मिलेगा।
फिल्म में कलाकारों की कलाकारी की बात करें, तब वरुण धवन से लेकर कृति सेनन, दीपक डोबरियाल, अभिषेक बनर्जी सबने मेहनत की है, पर हॉरर, कॉमेडी जोनर की इस फिल्म में कम समय में ज्यादा असरदार दीपक डोबरियाल लगते हैं, उनका साथ अभिषेक भी बखूबी देते हैं। गंभीर भूमिका में कीर्ति सैनन को जितना रोल मिला है, उसमें उन्होंने औसत लगती हैं।
कहानी कुछ ज्यादा ही काल्पनिक लगती है। आखिर में ‘भेड़िया’ अपनी कहानी के साथ-साथ जंगल के पेड़ काटने पर होने वाले नुकसान का संदेश भी दे जाती है।