बलरामपुर, अनिल गुप्ता। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधु सुदन चंद्राकर ने हत्या के एक मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है साथ ही साथ अर्थदंड से भी दंडित किया है। अर्थ दंड नहीं पटाने की दशा में अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है।
इस संबंध में अभियोजन का मामला इस प्रकार है कि अभियुक्त पूनाराम नगेसिया के विरुद्ध प्रार्थी समय नगेसिया ने दिनांक 16 जून 2021 को थाना शंकरगढ़ में यह रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उक्त दिनांक को अपने काम से पड़ी कला में मन कुंवर से मिलने दोपहर 12:30 गई थी। इसी दरमियान उसका लड़का संदीप नगेसिया ने आकर उसको बताया कि पापा घर जल्दी चलिए दादा जी को पुनाराम निकेशिया ने टांगी से मारकर उनकी हत्या कर दी है और दादा जी मर गए हैं।
इस बात को सुनते ही आनन-फानन में प्रार्थी समय नगेसिया घटनास्थल पहुंचा और देखा तो उसके पिता शिवप्रसाद के सर पर एवं गर्दन पर टांगों से वार कर उनकी हत्या कर दी गई थी। इस बात की सूचना थाना शंकरगढ़ में प्रार्थी द्वारा दर्ज कराई गई थी जिस पर थाना शंकरगढ़ में अपराध क्रम 479/ 2021 के तहत आरोपी पुनाराम के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 294, 506 भाग 2 एवं भादवी की धारा 302 साथ ही साथ सोनी प्रताड़ना अधिनियम 2005 के तहत धारा 4, 5 के अंतर्गत आरोपी को जांच के उपरांत गिरफ्तार करने के बाद आकांक्षा बैक न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी राजपुर के न्यायालय में पेश किया गया।
जिसके पश्चात इसी मामले में रामानुजगंज के द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधुसूदन चंद्राकर ने बचाव पक्ष अधिवक्ता एवं अभियोजन पक्ष के अविनाश गुप्ता का तर्क सुनने के पश्चात इस मामले में आरोपी को भादवी की धारा 294 506 भाग 2 एवं टोहनी प्रताड़ना अधिनियम 2005 की धारा के अंतर्गत आरोपी को दोषमुक्त कर दिया वही आरोपी पुनाराम नगेसिया को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के अंतर्गत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ साथ ₹100 के अर्थदंड से भी दंडित किया है। अर्थदंड ना पटाने की दशा में या फिर कोई चूक होने की दशा में अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है।