गुजरात। गुजरात के मोरबी में रविवार शाम सस्पेंशन ब्रिज गिरने से ने जाने कितनी जिंदगियां तबाह हो गई। वहीं, अब भी कई लोग लापता हैं। हादसे में एक साथ कई परिवार खत्म हो गए। जबकि कुछ परिवार किस्मत वाले भी रहे, जो हादसे के ठीक पहले ब्रिज से उतर गए थे, जिससे उनकी जान बच गई। इन्हीं में एक परिवार अमरेली में रहने वाले सागर मेहता का भी है, जो बेटे के रोने के चलते हादसे के ठीक पहले ब्रिज से नीचे उतर गया था।
बेटा रोने लगा तो पुल से नीचे उतर गए
पढ़िए, सागर की जुबानी उनकी कहानी… मोरबी हादसे के करीब आधा घंटे पहले ही हम झूलता पुल पर पहुंचे थे। हम सभी मस्ती कर रहे थे, लेकिन पुल के हिलने से मेरा छोटा बेटा नेत्र डर गया और रोने लगा। इसी दौरान हमने सेल्फी भी ली। बेटे ने रोना बंद नहीं किया तो हम नीचे उतर गए और दूसरी जगह चल पड़े।
मुश्किल से 10 मिनट ही हुए होंगे कि हमें पुल गिर जाने की खबर मिली। जब हमने सुना कि पुल पर मौजूद सभी लोग मच्छू नदी में गिर गए हैं तो हम सभी के रोंगटे खड़े हो गए, क्योंकि हमने खुद ही देखा था कि उस समय ब्रिज पर कितनी ज्यादा भीड़ थी।
मोरबी में रिश्तेदार के यहां आए थे सागरभाई
सागर भाई ने एक निजी चैनल से वार्ता के दौरान आगे बताया कि, ‘रविवार की छुट्टी के चलते मैं पत्नी और दोनों बेटों के साथ मोरबी में रहने वाले एक रिलेटिव के घर गया था। तभी हमारा ब्रिज पर घूमने का प्लान बन गया। दो रिलेटिव भी साथ थे। हादसे के 5 मिनट बाद ही हमारे पास रिश्तेदारों के फोन आने शुरू हो गए थे। उनसे ही पुल गिरने की खबर मिली। हमारे ब्रिज से उतरने के करीब 10 मिनट बाद ही यह हादसा हुआ।’