गोला। 83 वर्ष के उम्र में शिवचरण लाल, दिशोम गुरु शिबू सोरेन उर्फ गुरुजी हमलोगों को छोड़कर गोलोकधाम की ओर प्रस्थान कर गए। उनके साथ बिताये हुए एक-एक लम्हा हमें याद है, जब 1992 में उनके साथ मेरा साक्षात्कार हुआ था। नेमरा से दिल्ली जाकर उनके साथ रहते हुए साक्षात्कार लिया। अख़बार में प्रकाशित किया। पत्रिकाओं में प्रकाशित हुआ. किताबें बनीं।
वो दिन याद है, जब हम उनके साथ दिल्ली आवास में थे और उसी दिन झारखण्ड स्वायत परिषद बना था। उनके बड़े भाई दिवंगत राजा राम सोरेन के पास डायरी के बीच में रखा पुराने कागज के टुकड़े, जिसमें दोनों भाइयों का जन्म दिन का उल्लेख किया गया है। कागज के वे टुकड़े दो हिस्सों में थे, जिसे फोटो खिंचने के दौरान एक लाइन ऊपर नीचे हो गया है।
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