हजारीबाग। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, रांची के प्राप्त सूचना के आधार पर झारखण्ड राज्य में दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता के अनुकूल स्थिति बनती जा रही है, जिससे कभी-कभी भारी बारिश की संभावना बनी रहती है। शहर/गांव मे अत्यधिक बर्षा से अक्सर बाढ़ जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो जाती और आम जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं।
डीसी नैंसी सहाय के निर्देशानुसार जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, हजारीबाग द्वारा अत्यधिक वर्षा से होने वाले जान-माल की क्षति पर त्वरित कार्रवाई के लिए निम्नलिखित दिशा निर्देश जारी किए है-।
अत्यधिक वर्षा के कारण जिले में जन-जीवन प्रभावित होने की संभावना रहती है। सड़क जाम, कच्चे मकान का टुटना, वज्रपात से जान माल की क्षति, फसल क्षति आदि की संभावना बनी रहती है जिसके लिए राहत शिविर के साथ-साथ आवश्यक व्यवस्था “Minimum Standards of Relief for Victims of disasters” के गाईडलाइन के आधार पर संबंधित रिपोर्ट विभाग द्वारा ससमय उपलब्ध कराने को कहा है। जैसे शरण-स्थली, भोजन, पानी, चिकित्सा व्यवस्था, शौचालय, विधवा व अनाथ के लिए विशेष सुविधा आदि।
तेज बारिश में कच्चे मकान गिर जाते हैं एवं जान माल की क्षति होती है साथ ही साथ लोगों को रहने की समस्या उत्पन्न हो जाती है, ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए अंचलाधिकारी पूर्व में ही शरण स्थलों (यथा Buildings like local schools, Anganwadi Centers/Cyclone Shelters/ Community Centers/Marriage halls etc.) का निर्धारण उचित व्यवस्था के साथ करना सुनिश्चित करने को कहा हैं ताकि ससमय प्रभावितों को सहयोग प्राप्त हो सके।
अतिवृष्टि के कारण सुखे एवं कमजोर पेड़ के गिरने की संभावना बनी रहती है, जिससे कभी-कभी बड़ी दुर्घटना हो जाती है यथा हाई वोल्टेज का तार गिरना, यातायात बाधित होना,भवन को क्षति पहुँचना आदि जिससे जान माल की भी क्षति हो जाती है,अतः पूर्वी/पश्चिमी वन प्रमण्डल, हजारीबाग अपने क्षेत्रान्तर्गत इस तरह के सभी सुखे एवं कमजोर पेड़ों को चिहिन्त करते हुए जिससे जान-माल की क्षति की संभावना हो सकती है, को अभियान चलाकर हटाने को कहा हैं,ताकि इससे होने वाले जान-माल की क्षति को कम किया जा सके।
अत्यधिक वर्षा के कारण सड़क पुल-पुलिया के ध्वस्त होने की स्थिति पर तुरन्त कार्रवाई कर आवागमण बहाल कराना सुनिश्चित करने को कहा है, ताकि प्रभावित क्षेत्र/ गांव का आवागमण व्यवस्था यथावत रहे और प्रखण्ड/जिला से सम्पर्क बना रहे। अत्यधिक वर्षा के कारण जल जमाव से निजात पाने हेतु संबंधित विभाग को ससमय समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। अधिक समय तक जल जमाव रहने से कई तरह के संक्रमण/बिमारी फैलने की आशंका बनी रहती है, जो कभी-कभी महामारी का भी रूप ले लेता है।
अत्यधिक वर्षा के कारण यदि बिजली खंबा (पोल) क्षति ग्रस्त होता है तो बिजली विभाग तुरन्त कार्रवाई कर बिजली आपूर्ति बहाल करने का निर्देश जारी किया है। भारी बारिश के कारण विद्यालयों में किसी भी तरह का खतरा / जोखिम (Structural and Non- structural) को ससमय पहचान करते हुए उससे बचाव हेतु शिक्षा विभाग एवं विद्यालय प्रबंधन ससमय समुचित व्यवस्था करने को कहा है ताकि स्कूली बच्चों को किसी भी तरह के खतरा / जोखिम से बचाया जा सके। उन्हीने बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर संबंधित विभाग को ससमय समुचित कार्रवाई करते हुए जिला मुख्यालय को नोडल पदाधिकारी के माध्यम से अविलंब सूचना देने का निर्देश दिया है। अत्यधिक वर्षा के कारण किसी भी अप्रिय घटना घटने की स्थिति में विधि व्यवस्था बनाये रखने का हर संभव प्रयास सुनिश्चित करने को कहा है।
सिविल सर्जन प्रभावित जगहों पर हेल्थ कैम्प का आयोजन कर जल जमाव से होने वाले बीमारियों से बचाव का समुचित प्रबंधन करने तथा पीडित व्यक्तियों का ससमय ईलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए है। इसके अलावे डी०डी०टी० का छिड़काव,मच्छरदानी का वितरण, ब्लिंचिंग पाउडर का छिड़काउ, आवश्यक दवाई का वितरण आदि नियमानुसार ससमय सुनिश्चित करने को कहा है। सभी अंचल अधिकारी अपने क्षेत्रान्तर्गत कार्यरत सभी आपदा मित्र एवं नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों के साथ बैठक कर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश देना सुनिश्चित करने को कहा है।
जिले में उपस्थित सभी पारा मिलिट्री फोर्स यथा सी०आर०पी०एफ०, बी०एस०एफ०, कोबरा बटालियन एवं एन०सी०सी० आपात स्थिति से निपटने हेतु बटालियन को तैयार रखने को कहा है ताकि आपदा के समय अविलंब प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्य हेतु लगाया जा सके। उपायुक्त ने मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार हजारीबाग संपूर्ण कार्यप्रणाली की मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया है इसके लिए जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकरी (DDMO) को समन्वय बनाकर कार्य करने को कहा है। उपायुक्त ने सभी अंचलाधिकारीयों को नियमित रूप से वर्षा की स्थिति एवं वर्षा से प्रभावित गांवो / पंचायतों / प्रभावितों की सूचना अपर समाहर्ता के माध्यम से प्रतिवेदित करने को कहा है।
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