हजारीबाग। झारखंड की सुप्रसिद्ध कलाकृति सोहराय कला को जियो टैग दिलाने वाले युवा जस्टिन इमाम (49 वर्ष ) का हार्टअटैक से आकस्मिक निधन 13 जनवरी की अहले सुबह करीब 3.00 बजे दईपूगढ़आ स्थित अपने आवास पर हो गई। उनका अंतिम संस्कार हजारीबाग के हउरहउरू रोड स्थित सिमेट्री में किया गया। चार भाइयों में दो भाइयों का निधन हो चुका है। जस्टिन संत जेवियर्स स्कूल हजारीबाग से वर्ष 1991 में सीबीएसई दसवीं बैच के विद्यार्थी रहे थे। जस्टिन प्रख्यात पर्यावरणविद् सह पद्मश्री बुलू इमाम के बड़े पुत्र और इंटरनेशनल फेम शिकारी टुटू इमाम के पुत्र थे।
वह विरासत ट्रस्ट और सोहराई कला महिला सहयोग समिति के माध्यम से आदिवासी महिला कलाकारों को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहे थे, जिसे झारखंड में सोहराई कला के लिए जीआई टैग मिला था. उनकी पत्नी अलका इमाम भी सोहराय कला हस्तशिल्प कला को बढ़ावा देने में उनका सहयोग करती रही हैं। हजारीबाग ओल्ड जेनेरियो एसोसिएशन (होक्सा) के साथियों, धरोहर एन अमएचर्स क्लब के अभिषेक मिश्र, आलोक कुमार और बुलू इमाम के करीबियों ने भी जस्टिन के आकस्मिक निधन पर गहरी संवेदना जताई है।
ये भी पढ़िए………..
छत्तीसगढ़ में 22 जनवरी को आयोजित होंगे भव्य भक्तिमय सांस्कृतिक कार्यक्रम