बलरामपुर। पिछले कई वर्षो से जय शकुंतला वेलफेयर फाउंडेशन ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण एवं बच्चों के समुचित विकास पर कार्य कर रहा है. यह संस्था समाज के कई मुद्दों जैसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, महिलाओं का कृषि के साथ आर्थिक विकास, कुटीर उद्योग का प्रशिक्षण, पौधा रोपण की विधि का प्रशिक्षण, बच्चों को स्थानीय स्तर पर समुदायिक लाइब्रेरी प्रदान करना जिससे उनका बौद्धिक विकास हो सके आदि कार्य किया जा रहा है.
यह संस्था आर्थिक विकास के साथ साथ समाज के सांस्कृतिक एवम स्वास्थ के संरक्षण एवं विकास पर भी कार्य करती है जैसे की नशा मुक्ति अभियान चलाना, महिलाओं को न्यायिक अधिकार और संवैधानिक विधान के प्रति जागरूक करना, भ्रूण हत्या और घरेलू प्रतारण को रोकना है. संस्था अपने बहुउद्देशीय कार्य सरकार के साथ मिलकर एवम व्यक्तिगत रूप से भी करती है. जय शकुंतला वेलफेयर फाउंडेशन, सीएसआर के माध्यम से भी ग्रामीण विकास पर कार्य करती है. इस संस्था को नीति आयोग, 12A और 80g, सीएसआर से मान्यता प्राप्त है.
26 जून को नशा निषेध दिवस के अवसर पर जय शकुंतला वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा वर्ल्ड विजन विद्यालय में स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चो के माध्यम से उनके परिवार एवम समाज को नशा से होने वाले खतरे से अवगत कराना है. नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे 5 के डाटा के अनुसार छत्तीसगढ़ में 34.8% पुरुष शराब, 43% तंबाखू का सेवन करते हैं तथा 100 में 5 महिलाएं शराब एवं 17 तंबाखू का सेवन करती हैं जिनकी संख्या ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में कहीं ज्यादा है. आज के स्लोगन प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चो को जागरूक करते हुए नशा मुक्त समाज की नीव डालने का प्रयास है. इस कार्यक्रम में विद्यालय और संस्था के सदस्य उपस्थित रहे.
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