हजारीबाग। गौतम बुद्ध शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय मुकुंदगंज, हजारीबाग में बुधवार को तीन दिवसीय कार्यशाला संपन्न हो गई. तीसरे और अंतिम दिन प्रशिक्षुओं ने आर्ट एंड क्राफ्ट के नए कौशल सीखे. तीनों दिन बीएड और डीएलएड के प्रशिक्षुओं को अलग-अलग विधाओं में अनुपयोगी वस्तुओं की री-साइक्लिंग कर उपयोगी सामग्रियों के निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया. इनमें रद्दी पेपर व चूड़ियों से वॉल हैंगिंग, प्लास्टिक बोतल से फूलदान, पॉलिथीन से फूल, आइसक्रीम स्टिक से पेन स्टैंड व नाव और पुराने बोरे से डोरमैट आदि बनाने की कला सीखी.
अपने संबोधन में प्राचार्य डॉ अरविंद कुमार यादव ने कार्यशाला के महत्व को बताते हुए कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कम समय में गहन शैक्षिक अनुभव प्रदान करता है. वहीं समूह में कार्य करने और सहयोग की भावना का विकास करता है. उन्होंने कहा कि आधुनिक समय में लोगों को बहुत ही सरल तरीके से जीवन जीने की आदत हो गई है. इस वजह से अनुपयोगी वस्तुओं का वे मोल नहीं समझते. इस कारण आज लोगों को प्रदूषण जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. अगर अनुपयोगी वस्तुओं का सही इस्तेमाल कर लें, तो प्रदूषण से भी बचा जा सकता है.
वहां मौजूद सहायक प्राध्यापक अब्राहम धान ने कार्यशाला के लाभ का वर्णन करते हुए कहा कि इससे हम समय प्रबंधन सीखते हैं. चूंकि कार्यशाला में निर्धारित अवधि में ही हम काम करते हैं. आर्ट एंड क्राफ्ट की कार्यशाला हाथों का हुनर दिखाने का शानदार अवसर और बेहतर मंच प्रदान करता है. साथ ही इसके माध्यम से आनंद, नवीन और तथ्यपरक माहौल बनता है.
मौके पर व्याख्याता डॉ वसुंधरा कुमारी, परमेश्वर यादव, दीपमाला, डॉ पुष्पा कुमारी, रचना कुमारी, पुष्पा कुमारी, अब्राहम धान, दिलीप कुमार सिंह, एसएस माइती, जगेश्वर रजक, अनिल कुमार, दशरथ कुमार, संदीप खलखो, कनकलता, संदीप कुमार सिन्हा, रूपेश कुमार दास, अंजन कुमार, नंदकिशोर कुमार, पम्मी कुमारी, अखौरी विकास कुमार, संजय कुमार वर्मा, ज्योति हेम्मा एक्का, राजकुमार साव आदि उपस्थित थे.