हजारीबाग। गौतम बुद्ध शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) : द फ्यूचर ऑफ लर्निंग’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय नेशनल सेमिनार का समापन दो दिसंबर को हुआ। यह सेमिनार इंटरनल क्वालिटी एसस्युरेंस सेल (आईक्यूएसी) की ओर से आयोजित किया गया। इसमें देश के विभिन्न प्रांतों झारखंड के रांची, हजारीबाग, रामगढ़, उत्तर प्रदेश के कानपुर, राजस्थान के चुरू, बिहार के पटना आदि से आए विद्वतजनों के विचार उभर कर सामने आए।
AI के इस्तेमाल पर ही उसके गुण-अवगुण समाहित
सभी के घंटों वक्तव्यों, चिंतन और मंथन से यह निष्कर्ष निकला कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से डरने नहीं, सहयोग से आगे बढ़ने की जरूरत है। इस लर्निंग और डीप मशीन कभी भी शिक्षक से आगे नहीं निकल सकता। चूंकि मानव ने ही इसका आविष्कार किया है, इसलिए मनुष्य की सोच से वह कभी आगे नहीं जा सकता। इसके इस्तेमाल पर ही उसके गुण-अवगुण समाहित हैं।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि विनोबाभावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के वित्तीय सलाहकार सुनील कुमार सिंह ने कहा कि AI का फ्यूचर ऑफ लर्निंग समेत विभिन्न क्षेत्रों में काफी उपयोग है। मानव सभ्यता के विकास में इसका सदुपयोग सार्थक साबित होगा।
विभावि वनस्पति विज्ञान के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ इनाम नबी सिद्दीकी ने विजुअल प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि तकनीक से काम आसान होता है, न कि रोजगार छिनता है। उन्होंने कहा कि AI कंप्यूटर को इंसान के सोचने के तरीके के नकल का एक माध्यम है। उन्होंने मानव मस्तिष्क और कंप्यूटर के बीच संबंध और फर्क को विस्तार से बताया। साथ ही नई तकनीक के साथ आगे बढ़ने की सलाह दी। वहीं AI को आरंभिक कोर्स में लाने का मशविरा दिया।
कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग विभावि की प्रो. अर्चना रीना धान ने AI के विभिन्न क्रियाकलापों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एआई तकनीक की जितनी जरूरत है, उतना ही हम उपयोग करें। उन्होंने AI के सहारे भविष्य के क्लास रूम संचालन की भी विजुअल प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि ह्यूमन इंटेलिजेंस को मशीन में डालने की कोशिश ही एआई तकनीक है ताकि वह मानव जैसी भूमिका निभाने में सक्षम हो।
विभावि यूसेट के सहायक प्राध्यापक अरुण कुमार मिश्रा ने कहा कि AI दैनिक जीवन के लिए बहुत उपयोगी है। उन्होंने 18वीं सदी से मानव सभ्यता के विकास से लेकर वर्तमान में AI की भूमिका की सहज और सरल तरीके से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन को AI के इस्तेमाल पर सजग रहना होगा ताकि कहीं उसका दुरुपयोग नहीं हो।
एसोसिएट स्टाफ इंजीनियर एआई नागरो के सुधांशु शिवम ने बताया कि कैसे एआई कम वक्त और संसाधन में भरपूर सामग्रियां उपलब्ध कराता है। इसका उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, कारोबार, संरचना समेत विभिन्न क्षेत्रों में हो रहा है। उन्होंने एआई के कई एडवांस वर्जन की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह नेतृत्व क्षमता के विकास में भी काफी सहायक है।
सेमिनार को प्रो. डॉ रीना सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर साईनाथ यूनिवर्सिटी रांची, उज्ज्वल भारत ट्रस्ट के उपाध्यक्ष अजय सिंह, गौतम बुद्ध शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष मनोज कुमार और सचिव मिथिलेश मिश्र ने भी संबोधित किया। मंच संचालन सहायक प्राध्यापिका कुमारी अंजलि और धन्यवाद ज्ञापन आईक्यूएसी की को-ऑर्डिनेटर डॉ वसुंधरा कुमारी ने किया। विभावि यूसेट के सहायक प्राध्यापक राहुल रंजन, कॉलेज की प्राचार्य डॉ पुष्पा कुमारी समेत सभी सहायक प्राध्यापकों को सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।
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