रायपुर। कोयला घोटाला मामले में निलंबित आईएएस रानू साहू की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद सोमवार को हाई कोर्ट ने बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया। प्रवर्तन निदेशालय ने रानू साहू को बीते साल 22 जुलाई को गिरफ्तार किया था। हिरासत में लिए जाने के बाद से ही वो जेल में बंद हैं।
सोमवार को हाई कोर्ट में जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास ने सभी पक्षकारों की ओर से दी गई दलीलों को सुना जिसके बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इससे पहले गुरुवार 14 दिसंबर को 2023 को रानू साहू की जमानत याचिका पर बहस हुई थी, उस दौरान रानू साहू के वकील ने भी अपने तथ्य प्रस्तुत किए थे लेकिन सुनवाई अधूरी रह गई जिसके बाद हाई कोर्ट ने इसके लिए 8 जनवरी तक का समय दिया था।
उल्लेखनीय है कि रानू साहू की जमानत याचिका ईडी की निचली अदालत से खारिज हो चुकी है। ईडी कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद रानू साहू जमानत के लिए हाई कोर्ट में आवेदन लगाया था। सोमवार को सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
ईडी ने आरोप लगाया है कि कथित कोल घोटाले में रानू साहू का नाम शामिल है। रानू साहू के वकील ने कहा था कि उनके मुवक्किल को जिन धाराओं में गिरफ्तार किया गया है, उन धाराओं में कोई सबूत नहीं मिला। ईडी की और से सुनवाई में कहा गया कि वो कुछ और तथ्य इस घोटाले से जुड़े कोर्ट में पेश करेगी।जांच के दौरान ईडी ने कहा कि 540 करोड़ की लेवी स्कैम हुई है। ईडी ने दस्तावेजों की जांच के लिए कई छापे मारे और कई दस्तावेज भी जब्त किए। ईडी ने कोर्ट में कहा था कि कोल परिवहन में प्रति टन 25 रुपये की दर से कमीशन की राशि वसूली गई। ईडी ने इस मामले में आई ए एस समीर विश्नोई, रानू साहू, खनिज विभाग के अधिकारी शिव शंकर नाग, संदीप नायक, कोयले के कारोबारी सूर्यकांत तिवारी ,सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी, निखिल चंद्राकार, दीपेश टांक और राजेश चौधरी को गिरफ्तार किया है।
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