अंबिकापुर। एक ओर जहां देशभर में “स्वच्छ भारत मिशन” के तहत शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने का संकल्प लिया गया है, वहीं छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले का सीतापुर नगर इसकी पूरी तरह से अनदेखी करता नजर आ रहा है। नगर पंचायत की लापरवाही के चलते पूरे नगर में गंदगी और कचरे का अंबार लग गया है, जिससे न सिर्फ नगर का सौंदर्य बिगड़ गया है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर खतरा मंडराने लगा है।
नगर के प्रमुख वार्डों में जगह-जगह सड़कों किनारे और मोहल्लों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं। सफाईकर्मी जहां-तहां झाड़ू लगाकर कचरा छोड़ देते हैं, लेकिन उसे उठाने की जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह विफल साबित हो रहे हैं। वार्डवासियों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद न तो नियमित कचरा उठाया जाता है और न ही किसी प्रकार की दवा का छिड़काव किया जाता है, जिससे मच्छरों का प्रकोप भी तेजी से बढ़ रहा है।
बारिश के मौसम में जमा कचरे के सड़ने से दुर्गंध फैल रही है और मलेरिया, डेंगू, डायरिया जैसी संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय नागरिकों ने नगर पंचायत पर आरोप लगाते हुए कहा कि यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो नगर की स्थिति और बदतर हो जाएगी।
नगरवासियों ने यह भी बताया कि सफाईकर्मियों से जब कचरा उठाने की बात कही जाती है तो वे टालमटोल कर देते हैं। यह रवैया न केवल स्वच्छ भारत अभियान की भावना के खिलाफ है, बल्कि आम लोगों की सेहत और जीवनशैली को भी प्रभावित कर रहा है। नगर के एक नागरिक ने नाराज़गी जताते हुए कहा, “बारिश के मौसम में वैसे ही संक्रमण का डर रहता है, ऊपर से ये गंदगी और कचरे के ढेर बीमारियों को न्योता दे रहे हैं। नगर पंचायत को कम से कम दवा का छिड़काव तो कराना चाहिए।”
इस मामले में जब नगर पंचायत अध्यक्ष प्रेमदान कुजूर से संपर्क किया गया, तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा, “हमेशा नगर में नियमित सफाई अभियान चलाया जाता है। अगर किसी इलाके में गंदगी की स्थिति बनी है, तो उसे भी अभियान चलाकर जल्द ठीक किया जाएगा।”
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