चतरा, गीतांजलि। जिले के सिमरिया को जब चोरकारी पॉवर ग्रिड से जोड़ा गया था तो यह दावा किया गया था कि सिमरिया में अब जीरो पॉवर कट बिजली मिलेगी।मगर सूरते हाल यह है कि सिमरिया में चार दिनों से बिजली नहीं है।लोग मोबाइल चार्ज करने के लिए तरस रहे हैं।सिमरिया चौक की दुकानें छह बजे शाम में बंद हो जा रही है।गांवों कस्बों में शाम के बाद गुप्प अंधेरा छा जा रहा है।जिस जिले में एशिया की सबसे बड़ा पावर प्रोजेक्ट के अलावा सबसे बड़ी कोयला परियोजना हो, उस जिले के लोगों को अगर बिजली के लिए तरसना पड़े तो यह विडंबना नहीं तो और क्या है।चतरा जिले के लिए बिजली एक गंभीर और अहम समस्या है।यह समस्या पिछले कई दशकों से जिले के लोगों का पीछा करती आ रही है।जिला मुख्यालय में बिजली की समस्या तो बरकरार रहती ही है। आम दिनों में भी अलग अलग प्रखंडों में बिजली 24 घंटे में 13-14 घंटे रोजाना मिलती है।चतरा जिले के टंडवा में एनटीपीसीे की एशिया की सबसे बड़ी पावर प्रोजेक्ट बन कर तैयार है।एशिया की सबसे बड़ी कोल परियोजना मगध, आम्रपाली,पिपरवार चतरा जिले में ही स्थित है।मगर चौकाने वाली बात यह है कि पिपरवार, मगध और आम्रपाली कोल परियोजना होने के बावजूद चतरा जिले में बिजली की आपूर्ति सामान्य नहीं हो सकी है।
आम लोगों का कहना है कि इतने बड़े बड़े कोल परियोजना और एनटीपीसी होने के बाद भी उन्हें बिजली का लाभ मिल ही नहीं रहा है।उपर से हर महीने बिजली का बिल भी लोगों को अदा करना पड़ रहा है।फतहा गांव के पुरोहित शंभु पाठक कहते हैं कि उन्हें अपने प्रतिनिधियों से ज्यादा उम्मीद नहीं है। वे कहते हैं कि बस बिजली की समस्या हल हो जाती तो उनके चरण पखारे जाते। लगभग सभी इलाकों में अब चोरकारी विद्युत स्टेशन से ही बिजली पहुंच रही है।बिजली आपूर्ति में सुधार तो हुई है।पर जीरो पॉवर कट का वादा और दावा अब तक पूरा नहीं हुआ है।स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर 2024 तक गांवो तक 24 घंटे तक बिजली मिलनी शुरू हो जाएगा तो इसे सरकार की बड़ी उपलब्धि समझा जाएगा।
चोरकारी में टावर पोल गिरने से उत्पन्न हुआ ब्लैकआउट जैसी स्थिति
कहा जा रहा है कि चोरकारी के समीप एक बिजली टावर पोल धराशाई हो गया है।तीन दिनों पूर्व बिजली विभाग की ओर से यह कहा गया कि मेंटेनेंस का काम के वजह से दिन भर बिजली आपूर्ति बंद रहेगी।मगर गुरुवार को चार दिन गुजर चुके हैं।और बिजली बहाल नहीं हुई है।विभाग के एक कर्मी ने बताया कि चूंकि यह टावर पोल एक खेत मे स्थित है और बारिश के कारण वहां काम नहीं हो पा रहा है।
वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर सिंदूर से आपूर्ति हो रही बिजली
टावर पोल दुरुस्त होने तक बिजली विभाग ने हजारीबाग के सिंदूर से सिमरिया को बिजली सप्लाई करने की वैकल्पिक व्यवस्था की है।मगर सिंदूर से 24 घंटे में महज आधे घंटे के लिए ही सिमरिया को बिजली मिल रही है।इससे उपभोक्ताओं में भारी आक्रोश है।लोग बूंद बूंद पानी को तरस रहे हैं।पूरी रात अंधेरे में गुजर रही है।
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