हजारीबाग। हजारीबाग सदर अस्पताल कैदी वार्ड में गार्ड की हत्या कर पांच दिन से इलाजरत कैदी मो. शहजाद फरार हो गया। घटना रविवार की रात करीब 10.45 बजे की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि मो. शहजाद धनबाद का रहनेवाला है और उस पर पांच-पांच हत्या का आरोप है। हत्या के आरोप में ही यह यहां जेपी केंद्रीय कारा हजारीबाग में सजायाफ्ता था। उसके पांव में जख्म थे, जिसके इलाज के लिए उसे हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल (सदर अस्पताल) में भर्ती कराया गया था। पांच दिन पहले से वह भर्ती थी। रात में कैदी ने सोयी हुई अवस्था में गार्ड पर स्लाइन की सूई से चेहरे पर प्रहार कर उसे मूर्छित कर दिया और फिर स्लाइन की पतली प्लास्टिक के पाइप से उसका गला दबा कर मौत के घाट उतार दिया। इससे गार्ड की मौके पर सोयी हुई हालत में ही मौत हो गई।
कांड को अंजाम देने के बाद कैदी फरार हो गया। गार्ड गिरिडीह निवासी चौहान हेम्ब्रम बताया जा रहा है। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार सिंह और जेलर ने सोमवार को सदर अस्पताल के कैदी वार्ड घटनास्थल का मुआयना किया और संबंधित कर्मियों को आवश्यक दिशानिर्देश दिए। पुलिस गेट के सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है। मौका-ए-वारदात पर मिले निशान से पुलिस घटनाक्रम का अंदाजा लगाकर उस दिशा में काम कर रही है। साथ ही फरार कैदी को गिरफ्तार करने के लिए संभावित ठिकानों पर पुलिस छापेमारी कर रही है।
सीसीटीवी फुटेज से यह पता चला है कि कैदी दो-तीन दिन पहले से भागने की फिराक में था। वार्ड के बाहर उसका कोई साथी भी उसकी फरारी में सहयोग कर रहा था। चूंकि सीसीटीवी वारदात में यह पिक्चर कैद हुआ है कि वार्ड में टूटे हुए खिड़की के शीशे से कैदी शहजार बार-बार बाहर देखता था। उसके पांव में बड़े जख्म थे और ठीक ढंग से चल नहीं पा रहा था। पुलिस ने वार्ड में मौजूद दूसरे बंदी मरीजों से भी पूछताछ की है।
सबसे बड़ा सावल यह उठाया जा रहा है कि जब कैदी शमशाद पर पांच-पांच हत्या का आरोप था, तो एक गार्ड के भरोसे उसे सदर अस्पताल में क्यों छोड़ा गया था। गंभीरता से मामले को नहीं लेने की वजह से पुलिस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
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