रांची, (हि.स.)। चाईबासा निवासी 14 वर्षीय बच्चा अपने गांव में टहल रहा था। इसी दौरान सीआरपीएफ और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई और ब्लास्ट होने की वजह से स्प्लिंटर (मेटल के छोटे टुकड़े) बच्चे के गर्दन में पीछे से जा लगी। यह जख्म इतना गहरा था की स्प्लिंटर बाल और अन्य फॉरेन बॉडी गर्दन की हड्डी को तोड़ती हुई, स्पाइनल कॉर्ड को भी डैमेज कर दिया जिससे बच्चा का दोनों हाथ और पैर में पैरालिसिस हो गया। स्पाइनल कॉर्ड की झिल्ली तथा कॉर्ड डैमेज होने की वजह से सीएसएफ बाहर आ रही थी।
गुरुवार को सुबह सीआरपीएफ के जवानों ने बच्चे को हेलीकॉप्टर से रिम्स पहुंचाया। डॉक्टर प्रोफेसर सीबी सहाय के नेतृत्व में बच्चे का सफल ऑपरेशन किया गया। इस ऑपरेशन में न्यूरो सर्जरी विभाग से डॉक्टर आनंद प्रकाश, डॉ सौरभ बेसरा, डॉ दीपक, डॉ विकास कुमार, डॉ रवि डॉ मयंक और एनेस्थीसिया विभाग से डॉ प्रियंका, डॉ अर्चना, डॉ हरिस, डॉ संगीता, डॉ सादाब, ओटी स्टाफ और नर्स में सुनील मंटू प्रभात विनीता आदि शामिल रहे। मरीज को अभी ऑपरेशन के उपरांत वेंटिलेटर पर रखा गया है, ताकि स्पाइनल कॉर्ड की सूजन कम हो सके।
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