लाहौर। पाकिस्तान में इस साल होने वाले आम चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ दो जगहों से चुनाव मैदान में उतरेंगे। वहीं पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी के 90 फीसदी नेताओं के नामांकन खारिज होने से विपक्ष में आक्रोश है।
पाकिस्तान चुनाव आयोग ने लाहौर असेंबली सीट से नवाज शरीफ के नामांकन पत्र को स्वीकार लिया है। वहीं इसके खिलाफ जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने कोर्ट में चुनौती दी है। पीटीआई नेताओं का इसके पीछे तर्क है कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ को 2017 में आजीवन अयोग्य घोषित किया था। हालांकि, चुनाव आयोग ने मानसाहारा और लाहौर की दो नेशनल असेंबली सीटों से नवाज शरीफ की उम्मीदवारी को मंजूरी दे दी है।
दरअसल, पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान खान और उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के 90 प्रतिशत महत्वपूर्ण नेताओं के नामांकन पत्रों को खारिज कर दिया है। इस कार्रवाई को लेकर पीटीआई ने अपीलीय कोर्ट में चुनौती दी है।
पाकिस्तानी आर्मी के निर्देश पर हुआ है। सोमवार को पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी, पीटीआई अध्यक्ष चौधरी परवेज इलाही, पूर्व गृह मंत्री मूनिस इलाही और जरताज गुल सहित कई पीटीआई नेताओं ने हाई कोर्ट के चुनाव न्यायाधिकरणों में अपने नामांकन पत्र को खारिज करने को लेकर चुनौती दी।
देश के रिटर्निंग अधिकारियों ने राष्ट्रीय और प्रांतीय असेंबली सीटों के लिए रिकॉर्ड 3,500 से ज्यादा उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज किए हैं। पीटीआई के वकील इश्तियाक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा आजीवन अयोग्य घोषित किए जाने पर नवाज शरीफ की उम्मीदवारी को चुनौती दी। उन्होंने लाहौर हाई कोर्ट के अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील दायर की।
इश्तियाक अहमद ने कहा कि नवाज शरीफ के नामांकन पत्र को स्वीकार करना अवैध और गैरकानूनी है क्योंकि 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स मामले में उन्हें जीवन भर के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। नवाज शरीफ 8 फरवरी का चुनाव नहीं लड़ सकते। सैन्य प्रतिष्ठान द्वारा पहले से ही शरीफ को चौथी बार प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया जा रहा है। बता दें कि पाकिस्तानी आर्मी नवाज शरीफ को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाना चाहती है।
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